एक परिवार सड़क पर तड़पता रहा, सिसकता रहा. एक पिता, एक पति, अपनी पत्नी के लिए, अपनी मासूम बच्ची के लिए बेरहम लोगों से मदद की भीख मांगता रहा. लेकिन लोग जैसे कानों में रुई ठूसकर चलते रहे. वो घंटों एक मददगार हाथ के लिए तड़पता रहा, इस दौरान उसके पास से हजारों इंसान गुजरे. लोग अपनी गाड़ियों के पहियों को लहू से बचा बचाकर निकलते रहे, किसी को रहम नहीं आया, किसी ने तरस नहीं खाया.