कुंभ नगरी में शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती की परम धर्म संसद ने एक बड़ा ऐलान किया है. ऐलान ये कि 21 फरवरी को साधु संत अयोध्या पहुंचेंगे और राम मंदिर का शिलान्यास करेंगे. वो ना कोर्ट कचहरी को मानने वाले हैं ना सरकार को और इसके लिए उनका कहना है कि वो लाठी क्या गोली तक खाने को तैयार हैं. एक तरफ मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है, दूसरी तरफ कुंभ में स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती की अगुवाई में साधु संतों ने अपना फैसला ले लिया. 2019 के चुनाव से पहले बीजेपी चाहेगी कि प्रधानमंत्री मोदी को धर्म संसद में विजय पताका फहराने का वरदान मिले जबकि शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती की धर्मसभा में मोदी सरकार के खिलाफ़ आलोचना प्रस्ताव पास हो चुका है.
Shankaracharya Swami Swaroopanand Saraswati, in Prayagraj during the Dharamsansad, announced that saints and sadhus will reach Ayodhya on Feburary 21 and will lay the foundation of the Ram Mandir. Nor they will listen to the court, neither will they listen the Government. Before the 2019 elections, the BJP will want blessings from Dharamsansad, but Swami Swaroopanand Saraswati has issued proposal against PM Modi and his government. Watch Video.