जिस वक्त देश आपातकाल की 40वीं सालगिरह पर चर्चा कर रहा कि दोबारा लोकतंत्र पर वैसा काला साया दोबारा न आने पाए, ठीक उसी वक्त देश के कई हिस्सों आफतकाल से लोगों का जीन मुहाल हो चुका है.