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'सांत्वना' नहीं सरबजीत सिंह को चाहिए था साथ

'सांत्वना' नहीं सरबजीत सिंह को चाहिए था साथ

सरबजीत को आखिरी विदाई देने के लिए राजनीति और सत्ता के कई बड़े चेहरे भिखीविंड गांव में हाजिर हुए. सरबजीत का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार भी हो गया, लेकिन ये बड़े नाम अगर उस वक्त जी-जान से लग गए होते, जब सरबजीत पाकिस्तानी जेल में बंद थे, तो शायद आज ये दिन देखने की नौबत नहीं आती.

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