पिछले दिनों जब पाकिस्तान की जेल से सुरजीत सिंह रिहा हुए, तो उम्मीद जगी कि आज नहीं तो कल, सरबजीत के लिए भी रिहाई का रास्ता खुल जाएगा. लेकिन रिहाई की जगह जेल में सरबजीत की ऐसी पिटाई हुई, जिसने उसे डीप कोमा में पहुंचा दिया है. 22 साल से उसके लिए लड़ने वाली बहन सरबजीत के पास उम्मीदों के पिटारे में आंसुओं के सिवा कुछ नहीं बचा है.