दिल्ली गैंगरेप की शिकार लड़की इस दुनिया में नहीं है. मौत से लड़ते-लड़ते उसकी सांसों की लड़ियां बेशक टूट गईं, लेकिन वो महिलाओं पर ज़ुल्म के खिलाफ लड़ने का जो हौसला दे गई, उसे आज दुनिया सलाम कर रही है. सड़कों पर सिस्टम बदलने की ज़िद ठाने लोगों का सैलाब है, जिसके साथ देश की जानी-मानी हस्तियां अपनी आवाज़ से परवान चढ़ा रही हैं, ताकि हौसलों को मंजिल तक पहुंचने के लिए पंख मिल सके. आजतक ने उस हौसले को सलाम किया, तो मशहूर गायिका शुभा मुदगल की आवाज में औनिंदो बोस की धुन पर आलोक श्रीवास्तव की नज़्म में शिद्दत से उभरा एक पैगाम... देश की आधी आबादी की चाहत... खुलके बहने दो मुझको हवा की तरह...