151 साल पहले सूरज से तूफानी लपटें चली थीं और दुनिया को दहला दिया था. तब तकनीक के नाम पर टेलीग्राफ भर था, जो सूरज की उन तूफानी लपटों में तहस नहस हो गया. एक बार फिर वैसे ही भयंकर सौर तूफान की आहट वैज्ञानिकों को सुनायी पड़ रही है.