एक और घोटाला और एक और जांच का आदेश. इसके बाद इंतजार एक और घोटाले का. देश का हाल कुछ यही लगता है. साफ छवि वाले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की दूसरी पारी में एक के बाद एक इतने घोटाले सामने आ चुके हैं कि अब यह समझ में नहीं आता कि देश को सिस्टम चलाता है या फिर घोटाले.