धरती की जन्नत अब जहन्नुम में तब्दील हो गई है. मूसलाधार बारिश और उफनाई नदियों में ऐसी साठ-गांठ हुई कि पूरा कश्मीर उजड़ गया. किसी के घर का चिराग बुझा, तो किसी की लाडली चली गई. बच्चे अनाथ हो गए तो कई बुजुर्गों का आखिरी सहारा छिन गया. सैलाब से बचा हुआ हर इंसान अब दर्द की मुकम्मल दास्तान है.. आंखें बरस रही हैं, दिलों में छाले पड़ गए हैं.
Valley situation grim, Srinagar swamped