आस्था अपनी जगह है और असलियत अपनी जगह. और ये कैदी नंबर 130 यानी आसाराम, इसी आस्था की आड़ में अपनी असलियत छिपाने की कोशिश कर रहा था, कानूनी तौर पर पिछले 4 साल 8 महीनों से. मगर जोधपुर कोर्ट के फैसले के बाद अब सब कुछ शीशे की तरह साफ है. करोड़ों भक्तों का ये बापू वाकई हानिकारक है. देखें- 'विशेष' का ये पूरा वीडियो.