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महंगाई के आंसू रुला रहा है टमाटर

महंगाई के आंसू रुला रहा है टमाटर

टमाटर का अर्थशास्त्र ही नहीं मौसम विज्ञान भी बदल गया है. किसानों से दस-पंद्रह रुपये किलो खरीदकर जो टमाटर ग्राहकों तक पहुंचता है, उसमें दाम से कई गुना पैसा तो बिचौलियों की जेब में चला जाता है. टमाटर की दूसरी मुसीबत भीषण गर्मी भी है, जिसके चलते टमाटर खराब हो रहे हैं, जो टमटार बच रहे हैं उनकी कीमत आसमान छू रही है.

Vishesh episode of 13th July 2014

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