आज प्रयोगवादी कवि हरिवंश राय बच्चन की पुण्य तिथि है. ये ऐसे साहित्यकार हैं जिन्होंने उस प्याले से जीवन के हर पहलू को जोड़ दिया जिसे समाज में बुराई माना जाता है. हरिवंश राय बच्चन ने मधुशाला कविता में मदिरा को एकता और धार्मिक सौहार्द से जोड़ दिया. कलम का ऐसा जादू कम ही देखने को मिलता है उनकी कलम तो खामोश है लेकिन उनकी अगली पीढ़ी की जादुई आवाज उनके शब्दों को नई पहचान दे रही है.