मौसम की दहलीज पर बसंत उतर तो आया है लेकिन उसके रंग गायब हैं. फरवरी में होने वाले गुनगुनी पर ठंडी हवाएं हावी हैं. कुदरत उदासी में डूबी मालूम होती है. अमूमन बसंत में ऐसा नहीं होता लेकिन इस बसंत में तो बर्फबारी भी हो रही है.