चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी ने जो वादे किए उसे प्रधानमंत्री बनने के बाद पहले बजट में पूरा करने की कोशिश की. यही कारण रहा कि बजट में सबको कुछ न कुछ दिया गया. टैक्स में छूट से लेकर किसानों तक सबको बजट में जगह दी गई.