एक रिश्ता जिसपर हर बाप को नाज होता है, हर मां को नाज होता है, बच्चों से अपना रिश्ता. लेकिन जब इस रिश्ते को औलादें कुचलती हैं तो बाप की हालत विजयपत सिंघानिया जैसी हो जाती है. एक जमाने में 12 हजार करोड़ की रेमंड कंपनी का मालिक रहा एक रईस जब बेटे की ठोकरों पर गिरा तो जिंदगी में कुछ बचा ही नहीं. विजयपत सिंघानिया ने अदालत से आरजू की है कि बेटे ने घर-मकान-गाड़ी सब छीन लिया अब इस उमर में हम कहां जाएं.