गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अस्ताना पहुंच गए. शुक्रवार को शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में भारत की पूर्ण सदस्यता पर मुहर लग जाएगी. प्रधानमंत्री शुक्रवार की सुबह ही चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से अकेले में मुलाकात करेंगे. इस मुलाकात में उम्मीद है कि दोनों देशों के रिश्तों पर पड़ी कड़वाहट की बर्फ पिघलेगी लेकिन इन सवालों के साथ कि क्या चीन न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप यानी एनएसजी में भारत को शामिल करने पर राजी होगा क्योंकि अब तक वो खुल्लमखुल्ला विरोध करता रहा है. क्या पाकिस्तान में बैठे आतंकवादी मौलाना मसूद अजहर को चीन आतंकवादी मानेगा और क्या आतंक के सवाल पर पाकिस्तान को घेरेगा. क्या संघाई सहयोग संगठन में पाकिस्तान के भी पूर्ण सदस्य बनने के बाद चीन पाकिस्तान पर दबाव बनाएगा कि वो आतंक पर नकेल कसे. उसी तरह क्या चीन वन बेल्ड और वन रोड की अपनी नई पॉलिसी पर चर्चा करेगा, जिसपर भारत को सख्त एतराज है.