दिल्ली की राजनीति में एक चमकते हुए सितारे की तरह प्रकट हुए थे अरविंद केजरीवाल. एक झटके में पार्टी बनाई, एक साल में दिल्ली पर छा गए और सरकार बना ली. लेकिन उनके दावे और वादे ही उनके रास्ते के पत्थर बन गए.