बीते 12 दिनों से दिल्ली में कचरा पसरा था. सत्ता और विपक्ष किसी को फिक्र नहीं थी .लेकिन एकाएक शनिवार की सुबह दिल्ली की राजनीति के लिए कचरा बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया. राजनीति कचरे के ढेर पर उतर आई.