बारिश की बूंदे जब धरती पर पड़ती हैं तो धरती की प्यास बुझती है लेकिन जब पहाड़ों पर मूलसाधार बारिश होती है तो वहां की मिट्टी और चट्टानें खिसक जाती हैं. उत्तराखंड से लेकर दार्जिलिंग तक बारिश और भूस्खलन का ऐसा ही प्रकोप चल रहा है. दार्जिलिंग में तीन दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.