कमोबेश पूरी दुनिया कोरोना नाम के कहर को झेल रही है. अब तक 22 हजार लोगों इसकी भेट चढ़ चुके हैं. अमेरिका, इटली, स्पेन जैसे देशों की स्वास्थ्य सुविधाएं इस जानलेवा वायरस के सामने आत्मसमर्पण कर चुकी हैं. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीन से खफा हैं. कोरोना वायरस की झलक चीन में तो अक्टूबर में ही दिख गई थी, लेकिन मानवता को मौत के मुंह में धकेलने वाले चीन ने 31 दिसंबर तक इसकी जानकारी डब्लूएचओ से छुपाकर रखी. पूरे ढाई महीने तक. वुहान में कोरोना मौत बांटने लगा और फिर दुनिया में फैला तो अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने इसको वुहान वायरस का नाम दिया. ये चीन की लापरवाही थी या साजिश, ये पड़ताल का विषय है लेकिन सबसे ज़्यादा संदिग्ध भूमिका डब्लूएचओ के डीजी डॉक्टर टेड्रॉस ने निभाई. अमेरिका के आरोपों का चीन ने जवाब भी दिया. चीन का कहना है कि कोरोना की पहली मार तो उस पर ही पड़ी थी. अपनी बर्बादियों का सामान वो क्यों तैयार करेगा. इतना ही नहीं, उसने अमेरिका पर आरोप लगाया कि ये वायरस उसके सैनिको की साजिश है. देखिए विशेष में इस खतरनाक वायरस के लिए गुनहगार कौन है.