राजस्थान के जयपुर की एक बेटी ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. दरअसल, उसके डॉक्टर बनने के सपने पर चाय की प्याली ने पानी फेर दिया था. नीट परीक्षा दे रही छात्रा की ऑप्टिकल मार्क रिकॉग्निशन (ओएमआर शीट) पर गिरी चाय की वजह से उसके कई प्रश्नों के जवाब पूरी तरह से मिट गए.
रोती-बिलखती छात्रा ने जवाबों को भरने के लिए 5 मिनट का अतिरिक्त समय मांगा. मगर, उसे वह भी नहीं दिया गया. लिहाजा, अब छात्रा ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. बस्सी कस्बे की रहने वाली 18 साल की दिशा शर्मा को उम्मीद है कि कोर्ट से उसे न्याय मिलेगा और उसका डॉक्टर बनने का सपना भी पूरा होगा.
हाई कोर्ट ने मंगाई ओरिजनल ओएमआर शीट
दिशा की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने एनटीए से छात्रा की ओरिजिनल ओएमआर शीट सहित पूरा रिकॉर्ड तलब किया है. वहीं, 4 जुलाई को स्कूल प्रिंसिपल को परीक्षा सेंटर से क्लासरूम के सीसीटीवी फुटेज के साथ कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया है.
ओएमआर शीट पर गिरी थी परीक्षक की चाय
बता दें कि 12वीं की परीक्षा में दिशा ने 99.60% अंक हासिल किए थे. डॉक्टर बनने के लिए वह 7 मई को रामनगरिया के विवेक टेक्नो स्कूल में वह नीट की परीक्षा दे रही थी. इस दौरान परीक्षा केंद्र में चाय की चुस्कियां लेते हुए परीक्षक टहल रहे थे. उनके हाथ से गिरे प्याला की चाय दिशा की ओएमआर शीट में दर्ज सवालों पर फैल गई.
17 सवालों के जवाब पूरी तरह से मिट गए थे
छात्रा ने आरोप लगाया है कि चाय गिरने से उसके 17 प्रश्नों के जवाब पूरी तरह से मिट गए. वह रोती-बिलखती रही, लेकिन उसकी किसी ने नहीं सुनी. इसके बाद परीक्षक भी घटना के बाद गायब हो गया. इसके बाद दिशा ने मामले में प्रिंसिपल से गुहार लगाई. मगर, नतीजा सिफर रहा.
सीसीटीवी फुटेज भी चेक कराए, नहीं मिला फायदा
दिशा ने घटना के बाद परीक्षा केंद्र पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज चेक करके पूरी घटना के संबंध में अवगत भी करवाया. फिर भी उसकी सुनवाई नहीं हुई. उसने प्रश्नों का उत्तर लिखने के लिए पांच मिनट का अतिरिक्त समय मांगा था, लेकिन उसे वह भी नहीं दिया गया. अब दिशा को उम्मीद है कि कोर्ट के हस्तक्षेप से शायद उसका डॉक्टर बनने का सपना पूरा हो जाए.