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राजनीतिक दलों को अदालतों से बाहर ढूंढना चाहिए काशी-मथुरा का समाधान, सम्मेलन में बोले- अजमेर दरगाह के प्रमुख

अजमेर दरगाह के प्रमुख सैयद जैनुल आबेदीन ने शुक्रवार को पैगाम-ए-मोहब्बत हम सबका भारत सम्मेलन में बोलते हुए कहा कि भारत वसुधैव कुटुंबकम की सभ्यता का पालन करते हुए दुनिया में शांति बहाल करने में पॉजिटिव कदम बढ़ा रहा है. उन्होंने ये भी कहा कि पिछले कुछ सालों में सीएए कानून को लेकर मुसलमानों को गुमराह किया गया है.

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अजमेर दरगाह के चीफ सैयद जैनुद आबेदीन. (फाइल फोटो)
अजमेर दरगाह के चीफ सैयद जैनुद आबेदीन. (फाइल फोटो)

अजमेर दरगाह के प्रमुख सैयद जैनुल आबेदीन ने मथुरा और काशी मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने शुक्रवार को कहा कि राजनीतिक दलों को मथुरा और काशी जैसे विवादों का समाधान अदालतों के बाहर निकलने की कोशिश करनी चाहिए, क्योंकि आपसी सहमति से सुलझाएंगे तो इससे सभी समुदायों का दिल और विश्वास जीतेगा.

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'अदालत के बाहर सुलझाने होंगे आंतरिक मुद्दे'

अजमेर दरगाह प्रमुख अखिल भारतीय सूफी सज्जादानशीन परिषद की राजस्थान इकाई द्वारा आयोजित पैगाम-ए-मोहब्बत हम सबका भारत सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत वसुधैव कुटुंबकम की सभ्यता का पालन करते हुए दुनिया में शांति बहाल करने में सकारात्मक भूमिका निभा रहा है. इसलिए हमारे देश के आंतरिक मुद्दों को अदालतों के बाहर शांतिपूर्ण तरीके से हल करने की कोशिश की जानी चाहिए... इसके लिए बस एक मजबूत पहल की जरूरत है.

'CAA पर मुसलमानों को किया गुमराह'

उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून पर बोलते हुए अजमेर दरगाह प्रमुख ने कहा, पिछले कुछ सालों में सीएए कानून को लेकर मुसलमानों को गुमराह किया गया है. वास्तविकता यह है कि अधिनियम के प्रावधानों के विस्तृत विश्लेषण के बाद, हमने पाया कि इस कानून का भारतीय मुसलमानों से कोई लेना-देना नहीं है और यह कानून उन पर कोई प्रभाव नहीं डालेगा.

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नहीं छिनेगी किसी भी भारतीय की नागरिकता

उन्होंने आगे कहा कि इस कानून से अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के उत्पीड़ित अल्पसंख्यक प्रवासियों को लाभ होगा. इससे किसी की भारतीय नागरिकता नहीं छिनने वाली, क्योंकि कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है.

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