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सेक्सटॉर्शन, इवेंट और सोशल मीडिया... Cyber ठगों के ठिकाने पर पुलिस का बड़ा एक्शन, 50 हजार युवा क्राइम में लिप्त

देशभर में ऑनलाइन ठगी (online fraud) के मामले बढ़ते जा रहे हैं. इसी को लेकर राजस्थान पुलिस ने साइबर ठगों पर बड़ी कार्रवाई की है. पुलिस ने बीते साल 2023 में 80 हजार सिम और मोबाइल नंबर बंद कराए थे. वहीं इस साल बीते दो महीने में 10 हजार से ज्यादा मोबाइल सिम और फोन के आईएमईआई नंबर ब्लॉक किए गए हैं.

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ऑनलाइन ठगों पर पुलिस का एक्शन. (Representational image)
ऑनलाइन ठगों पर पुलिस का एक्शन. (Representational image)

Rajasthan News: राजस्थान का अलवर, भरतपुर और हरियाणा का मेवात क्षेत्र ऑनलाइन ठगों के ठिकाने बन चुके हैं. झारखंड के जामताड़ा से ज्यादा ठगी के मामले मेवात से आते हैं. ठगी करने वाले गैंग के खिलाफ पुलिस ने बड़ा एक्शन लिया है. बीते दो माह के दौरान पुलिस ने 10 हजार 183 सिम कार्ड और मोबाइल के आईईएमआई नंबर ब्लॉक कराए हैं.

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मेवात क्षेत्र में ज्यादातर जो घटनाएं सामने आ चुकी हैं, उनमें केवाईसी, फेसबुक पर सस्ते वाहन बेचने और एसएमएस भेजकर ठगी की गई है. पुलिस के आंकड़ों पर नजर डालें तो ऑनलाइन होने वाली ठगी की घटनाओं में अलवर सुर्खियों में रहा. बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, हिमाचल, जम्मू, दिल्ली, हरियाणा व उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों के शहरों की पुलिस अलवर में दबिश देने आ चुकी है.

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देशभर के विभिन्न शहरों में दर्ज होने वाले मामलों में कई आरोपी अलवर के थे. साइबर ठग लोगों को अपना शिकार बनाने के लिए ज्यादातर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हैं. इनमें मुख्य रूप से लोग सेक्सटॉर्शन के शिकार होते हैं. वहीं ठग विभिन्न वेबसाइट के अलावा इवेंट के नाम पर फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट बनाकर लोगों से संपर्क करते हैं. इसके बाद लोगों से बैंक खातों की जानकारी लेकर ठगी की घटनाओं को अंजाम देते हैं.

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ऑनलाइन ठगी को अंजाम देने के लिए असम, ओडिशा और पश्चिम बंगाल से फर्जी पते पर प्री-एक्टिवेटेड सिम लेकर आते हैं. उन सिम को यहां एक्टिवेट किया जाता है. इसके बाद उन्हीं नंबरों से कॉल की जाती है.

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साल 2023 में अलवर पुलिस ने 80 हजार सिम कार्ड व IEMI नंबर ब्लॉक कराए थे. वहीं साल 2024 में अभी दो माह के दौरान 10 हजार 183 सिम व IEMI नंबरों को ब्लॉक कराया गया है. भरतपुर पुलिस ने फर्जी पते वाली 1 लाख, 72 हजार 392 सिम और 1 लाख 85 हजार 42 मोबाइल के IEMI नंबर ब्लॉक कराए हैं. जो नंबर बंद कराए गए हैं, उनसे पुलिस को 78 हजार 800 साइबर क्राइम की शिकायतें प्राप्त हुईं थीं.

हजारों युवा हैं इस काम में लिप्त

अलवर के कई ठग साइबर अपराध को अंजाम दे चुके हैं. भरतपुर क्षेत्र के करीब 160 गांवों से ऐसे मामले सामने आए हैं. इन गांवों में 12 से 40 साल तक के लोग शामिल मिले थे. पुलिस के अनुसार, अलवर व भरतपुर के करीब 50 हजार युवा साइबर अपराध में लिप्त हैं.

लोग क्या रखें सावधानी

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लोगों को साइबर ठगी से बचने के लिए अतिरिक्त सावधानी की जरूरत है. साइबर क्राइम की सुरक्षा मामलों के एक्सपर्ट कहते हैं कि मोबाइल का उपयोग करते समय सावधान रहें. अपना ओटीपी और मोबाइल का पासवर्ड किसी से शेयर न करें. अगर आप ऑनलाइन कंपनी से खरीदारी कर रहे हैं और इसके लिए ई-ट्रांजेक्शन का इस्तेमाल करते हैं तो अपने अकाउंट का विशेष पासवर्ड रखें, पासवर्ड चेंज करते रहें. अपने ट्रांजेक्शन का विशेष पासवर्ड रखें, जिसके बारे में केवल यूजर को जानकारी हो. ओटीपी आने पर ही ट्रांजेक्शन पूरा करें.

साइबर ठगी

क्या कहते हैं पुलिस के आंकड़े

पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा ने बताया कि भरतपुर से ज्यादा ऑनलाइन ठगी के मामले अलवर के मेवात क्षेत्र में सामने आए हैं. बीते 3 वर्ष में अलवर के भिवाड़ी सहित पूरे मेवात क्षेत्र में 453 केस दर्ज हुए, जिनमें 178 आरोपी गिरफ्तार किए गए. वहीं 66 मामलों की जांच पेंडिंग है. हालांकि जांच में 329 मामलों में एफआर लगी. भरतपुर और अलवर जिलों का मेवात क्षेत्र ठगी को लेकर चर्चा में है.

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