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अलवर पुलिस ने पेश की अनोखी मिसाल, कुक की बेटी की शादी में निभाई मामा और नाना की भूमिका

अलवर जिले के सदर थाने के पुलिसकर्मियों ने अपने रसोइए तेजपाल सिंह की बेटी आरती की शादी में मामा और नाना की भूमिका निभाकर मानवता की मिसाल पेश की. भात की रस्म में उन्होंने 1 लाख 11 हजार 111 रुपए, साड़ियां, कपड़े और घरेलू सामान भेंट किया. थाने में 35 साल से सेवाएं दे रहे तेजपाल इस पहल से भावुक हो गए.

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SHO अरुण पूनिया के नेतृत्व में सभी पुलिसकर्मी पहुंचे.
SHO अरुण पूनिया के नेतृत्व में सभी पुलिसकर्मी पहुंचे.

राजस्थान के अलवर जिले के सदर थाने के पुलिसकर्मियों ने मानवता और आपसी भाईचारे की एक अनूठी मिसाल पेश की है, जिसकी सोशल मीडिया पर जमकर सराहना हो रही है। सदर थाने में पिछले 35 वर्षों से पुलिसकर्मियों के लिए खाना बनाने वाले कुक तेजपाल सिंह की बेटी आरती के विवाह में पुलिसकर्मियों ने मामा और नाना की भूमिका निभाते हुए भात भरने की रस्म निभाई.

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दरअसल, तेजपाल सिंह 12 वर्ष की उम्र में कुक बने और पिछले 35 सालों से सदर थाने में कार्यरत हैं. इतने सालों में उन्होंने थाने के कर्मचारियों को अपने परिवार की तरह सेवा दी. उनकी बेटी आरती की शादी के अवसर पर थाने के सभी पुलिसकर्मियों ने मिलकर उनकी मदद करने का निर्णय लिया. इसके बाद थाने के एसएचओ अरुण पूनिया के नेतृत्व में सभी पुलिसकर्मी आरती की शादी में भात भरने पहुंचे.

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भात में उन्होंने 1 लाख 11 हजार 111 रुपये नगद, साड़ी, कपड़े और घरेलू सामान भेंट किए. साथ ही कन्यादान के लिए घर के बर्तन और अन्य जरूरी सामान भी दिया. इस मौके पर सभी पुलिसकर्मियों ने मामा और नाना के रूप में शादी की सभी रस्मों में भाग लिया. शादी के इस खास अवसर पर तेजपाल सिंह भावुक हो गए. 

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शादी

उन्होंने कहा, मैं इस पल को जिंदगीभर नहीं भूलूंगा. थाने के पुलिसकर्मियों ने मेरी बेटी को अपनी बहन मानकर जो सहयोग दिया है, वह मेरे लिए अमूल्य है. शादी में आरती और उनके परिवार के अन्य सदस्य भी भावुक नजर आए. वहीं, इस अनोखे उदाहरण को शादी में मौजूद लोगों ने कैमरे में कैद कर सोशल मीडिया पर साझा किया.

शादी में जान को लेकर SHO ने कही ये बात

थाने के एसएचओ अरुण पूनिया ने बताया कि तेजपाल ने इतने सालों तक पूरे थाने के स्टाफ को भाई की तरह खाना खिलाया. जब तेजपाल अपनी बेटी का कार्ड देने उनके पास आए, तो शादी से 2 दिन पहले तक उन्होंने थाने में अपनी जिम्मेदारी निभाई और सभी को खाना खिलाते रहे. ऐसे में पूरे थाने के स्टाफ ने भी अपनी जिम्मेदारी निभाई और तेजपाल की बेटी को अपनी बहन माना और आरती की शादी के लिए उसे भात ले आए.

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