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अलवर मामलाः राजस्थान सरकार ने BJP नगरपालिका बोर्ड को जारी किया नोटिस, पूछा- क्यों तोड़ा मंदिर?

राजस्थान के अलवर में 300 साल पुराने मंदिर को बुलडोजर से तोड़े जाने को लेकर प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने आ गई है. अलवर में सराय गोल चक्कर के पास मंदिर में पहले मूर्तियों को कटर से काटा गया और फिर मंदिर को बुलडोजर से ढहा दिया गया.

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स्टोरी हाइलाइट्स
  • बीजेपी ने सरकार पर मंदिर तोड़ने का आरोप लगाया है
  • जांच के लिए बीजेपी ने 5 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है

राजस्थान के अलवर में 300 साल पुराने मंदिर को बुलडोजर से तोड़े जाने पर राज्य सरकार एक्शन में आ गई है. राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने बीजेपी के नगरपालिका बोर्ड को नोटिस जारी किया है. नोटिस में सरकार ने पूछा है कि आखिरकार उन्होंने 300 साल पुराना मंदिर क्यों तोड़ा? सरकार ने नगरपालिका बोर्ड से इस मामले पर 12 घंटों में जवाब देने के लिए कहा है.

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मंदिर को तोड़े जाने और फिर सरकार द्वारा नोटिस जारी किए जाने पर राजनीति भी तेज हो गई है. बीजेपी ने आरोप लगया है कि राज्य की सत्तासीन कांग्रेस सरकार बदले की कार्रवाई कर रही है. बीजेपी नेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि राजस्थान सरकार बीजेपी के नगरपालिका चेयरमैन को अरेस्ट करना चाहती है इसलिए वह अंडरग्राउंड हो गए हैं.

300 साल पुराना मंदिर अतिक्रमण कैसे हो सकता है?
वहीं, इस मामले में बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनीयां ने कहा कि 300 साल पुराना मंदिर अतिक्रमण कैसे हो सकता है. भाजपा अपनी एक टीम मौके पर भेज रही है, जो तीन दिन में अपनी रिपोर्ट देगी. भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि विकास के नाम पर भगवान के मंदिर पर प्रहार करना बेहद दुखद है. उन्होंने इसे लेकर राहुल गांधी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वह बदले की भावना के साथ वोट बैंक की पॉलिटिक्स को आगे बढ़ा रहे हैं.

बीजेपी ने किया जांच कमेटी का गठन
इसी बीच बीजेपी प्रदेषाध्यक्ष ने 5 सदस्य कमेटी का गठन किया है. पार्टी ने इस कमेटी में बीजेपी विधायक चंकांता मेघवाल, राजेंद्र सिंह शेखावत, ब्रज किशोर उपाध्याय और भवानी मीणा को शामिल किया. जबकि कमेटी की अध्यक्षता सीकर के सांसद स्वामी सुमेधनंद को सौंपी गई है. यह कमेटी 3 दिन में राजगढ़ जाएगी और जिस स्थान पर बुलडोजर के जरिए मंदिर को ढहाया गया है उसका दौर कर रिपोर्ट बनाएगी. जिसके बाद रिपोर्ट बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पुनिया को सौंपी जाएगी.

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पुजारियों ने मूर्तियों को दूसरी जगह किया शिफ्ट

अलवर में हुए इस पूरे घटनाक्रम के बाद जिलाधिकारी शिवप्रसाद नकाटे का बयान भी सामने आय़ा है. जिलाधिकारी शिवप्रसाद नकाटे ने कहा, 'नगर पालिका की बैठक में सड़क किनारे मौजूद अवैध अतिक्रमण को हटाने का निर्णय लिया गया था. अतिक्रमण अभियान से पहले मंदिर के पुजारियों ने मूर्तियों को दूसरी जगह शिफ्ट किया था.'

क्या है पूरा मामला?
उल्लेखनीय है कि अलवर में डेवेलपमेंट मास्टर प्लान के तहत राजगढ़ कस्बे के गोल सर्किल से मेला का चौराहा के बीच रास्ते में बाधा बने दुकानों और मकानों को ध्वस्त करने को लेकर रविवार को बुलडोजर चलाया गया. इस दौरान मंदिर को भी गिरा दिया गया.

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