
राजस्थान सहित पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे चुनावी सरगर्मियां बढ़ रही हैं.। जल्द ही चुनावी सभाओं का सिलसिला शुरू होगा. सभाओं में आने जाने के लिए नेता हेलीकॉप्टर काम में लेते हैं, लेकिन राजनीतिक पार्टी और नेताओं को हेलीकॉप्टर नहीं मिल रहे हैं. क्योंकि इनकी खास डिमांड बढ़ रही है. नेता समय बचाने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं. वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में हेलीकॉप्टरों का चार्म देखने को मिलता है.
3 से 4 लाख रुपए प्रति घंटा हुआ किराया
चुनाव की तारीख नजदीक आने के साथ ही हेलीकॉप्टर के किराए में बढ़ोतरी हो रही हैं. आमतौर पर कुछ माह पहले 1 घंटे के लिए हेलीकॉप्टर डेढ़ लाख रुपए में मिल रहा था, लेकिन अब कीमत बढ़कर तीन से चार लाख रुपये प्रति घंटा हो चुकी है. हेलीकॉप्टर संचालन करने वाली कंपनियों ने बताया कि पूरे देश में 350 से 400 हेलीकॉप्टर है. इनमें से करीब 25 से 28 हेलीकॉप्टर केदारनाथ यात्रा पर लगे हुए हैं. इसकी डिमांड ज्यादा है, जबकि उपलब्धता कम है. ऐसे में हेलीकॉप्टर की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है.
लगातार बढ़ रही है हेलीकॉप्टर की डिमांड
एसआरएस चोकर्स हब प्राइवेट लिमिटेड और महाकाल एविएशन के निदेशक संदीप शर्मा ने बताया कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ व राजस्थान के चुनाव में हेलीकॉप्टर की डिमांड बढ़ रही है. चुनावी माहौल में सभी हेलीकॉप्टर केवल चुनाव कार्यक्रम में व्यस्त रहते हैं. पूरे देश में करीब 400 हेलीकॉप्टर हैं. अभी तक बड़ी पार्टी और उनके कुछ नेताओं द्वारा हेलीकॉप्टर बुक किए गए हैं. प्रमुख सीटों पर हेलीकॉप्टर की ज्यादा डिमांड रहती है.
राजस्थान में हेलीकॉप्टर उड़ान की संख्या
प्रदेश में सितंबर के बाद चार्टेड हेलीकॉप्टर की उड़ानों में बढ़ोतरी हुई है. जुलाई में चार्टर्ड उड़ान 398 थीं. जो अगस्त में बढ़कर 445 हो गईं. सितंबर में 945 उड़ान रिकॉर्ड की गई. अक्टूबर माह में 1500 से 2000 के आसपास चार्टर्ड हेलीकॉप्टर की उड़ने होने का अनुमान है.
केदारनाथ में मौजूद हेलीकॉप्टर भी चुनाव में लगेंगे
हेलीकॉप्टर की बुकिंग करने वाले अधिकारियों ने बताया कि केदारनाथ में इस समय 25 से 28 हेलीकॉप्टर लगे हुए हैं. दिवाली के बाद रक्षाबंधन तक हेलीकॉप्टर वहां उड़ान भरेंगे. इसके बाद सभी हेलीकॉप्टर का मेंटेनेंस कार्य होगा फिर एविएशन विभाग के अधिकारी हेलीकॉप्टरों की जांच करेंगे. हेलीकॉप्टरों के उड़ान भरने के लिए सही रिपोर्ट मिलने ही इन्हें चुनावी कार्यक्रमों में लगाया जाएगा.
हेलीकॉप्टर से जुड़ती है भीड़
चुनाव प्रचार के दौरान हेलीकॉप्टर देखने के लिए हजारों की संख्या में भीड़ जुटती है। इसलिए पार्टी के प्रमुख नेता हेलीकॉप्टर काम में लेते हैं. हेलीकॉप्टर से आने-जाने में समय की बचत भी होती है. एक दिन में नेता कई सभाओं को संबोधित कर लेते हैं.