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ASP दिव्या मित्तल का मोबाइल ढूंढ़ रही पुलिस अबतक खाली हाथ, लैपटॉप और कंप्यूटर से खुलेंगे राज?

घूसखोरी के मामले में राजस्थान पुलिस की सीनियर आरपीएस दिव्या मित्तल सुर्खियों में हैं. गिरफ्तारी के बाद राज्य सरकार ने उन्हें सस्पेंड कर दिया है. आज दिव्या मित्तल को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से तीन फरवरी तक के लिए उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. एसीबी को अभी तक दिव्या का मोबाइल नहीं मिला है. एसीबी फरार सुमित की भी तलाश कर रही है.

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दो करोड़ रुपए रिश्वत मामले की आरोपी दिव्या मित्तल. (File Photo)
दो करोड़ रुपए रिश्वत मामले की आरोपी दिव्या मित्तल. (File Photo)

राजस्थान में दो करोड़ रुपए की रिश्वत मांगने की आरोपी अफसर दिव्या मित्तल (Divya Mittal) को आज एसीबी कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने एसीबी की मांग को मानते हुए आरोपी दिव्या मित्तल को 3 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. गुरुवार को गृह विभाग ने कार्रवाई करते हुए दिव्या मित्तल को निलंबित कर दिया था.

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बता दें कि दिव्या एसओजी में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक थीं. इस मामले की जांच कर रहे एसीबी (ACB) के डिप्टी मांगीलाल ने बताया कि एसीबी ने दिव्या मित्तल के आवास से कुछ इलेक्ट्रॉनिक गेजेट्स बरामद किए थे. अब दिव्या मित्तल के मोबाइल की भी तलाश की जा रही है. 

दिव्या मित्तल ने एसीबी को बताया था कि उन्होंने अपना मोबाइल आनासागर झील में फेंक दिया था. इसके बाद एसीबी ने अजमेर पहुंचकर एसडीआरएफ की मदद से झील में मोबाइल तलाशा था, लेकिन मोबाइल बरामद नहीं हो सका.

मांगीलाल ने कहा कि दिव्या मित्तल के साथ अन्य आरोपी सुमित की भी तलाश की जा रही है. सुमित के गिरफ्त में आने के बाद कुछ और खुलासे हो सकेंगे.

दरअसल, एसीबी ने सोमवार को दिव्या मित्तल के अजमेर स्थित एआरजी सोसायटी के उनके फ्लैट समेत जयपुर स्थित एक फ्लैट पर, उदयपुर के सिकलवास स्थित रिसॉर्ट और चिड़ावा स्थित पैतृक घर पर छापा मारा था. इस दौरान कुछ दस्तावेज बरामद किए थे. इसके साथ ही दिव्या को हिरासत में लेकर एसीबी पूछताछ के लिए जयपुर ले गई थी.

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एसीबी को परिवादी ने दी थी रिश्वत की जानकारी

एसीबी के एएसपी बजरंग सिंह ने बताया कि ‘एक परिवादी एसीबी मुख्यालय पर आए थे. उन्होंने इसकी सूचना दी थी कि उनके खिलाफ एक केस दर्ज होने के बाद मामले को निपटाने के ऐवज में दो करोड़ रुपए की डिमांड की जा रही है.

परिवादी ने कहा था कि उसका कोई दोष नहीं था. जब वह अनुसंधान अधिकारी दिव्या मित्तल के पास गया तो उन्होंने कहा कि आप उदयपुर की तरफ जाओ. आपके पास एक फोन आएगा. उसके अनुसार चले जाना.

इसके बाद थोड़ी देर में निकलते ही फोन आया और उसके बाद उदयपुर के लिए रवाना हो गया. वहां दो करोड़ की मांग की गई. असमर्थता जाहिर करने पर डरा-धमकाकर एक करोड़ रुपए से कम नहीं होने की बात कही गई. इसके बाद वहां से लौटकर एसीबी को जानकारी दी थी.

ये है पूरा मामला

दरअसल, मई 2021 में अजमेर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 16 करोड़ रुपए से ज्यादा की नशीली दवाओं की खेप पकड़ी थी. इसमें जयपुर में साढ़े पांच करोड़ और अजमेर में 11 करोड़ की दवाओं के साथ आरोपी पकड़े गए थे. चूंकि परिवादी की हरिद्वार में दवाई बनाने की फैक्ट्री है.

आरोप है कि अजमेर में साइकोट्रोपिक ड्रग से संबंधित दर्ज मुकदमों का कनेक्शन उनकी फैक्ट्री से है. रेड की कार्रवाई में जो दवाएं मिलीं, उनमें कुछ परिवादी की फैक्ट्री में बनी हैं. इसी मामले से नाम हटाने के एवज में दिव्या मित्तल पर रिश्वत मांगने का आरोप है. परिवादी ने 4 जनवरी को एसीबी से संपर्क किया था. परिवादी का कहना है कि पूरे मामले में उन्हें जबरन घसीटकर पैसे मांगे जा रहे हैं.

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