दो करोड़ रुपए की रिश्वत के मामले की आरोपी एसओजी की एएसपी दिव्या मित्तल के मोबाइल को ACB की टीम ने अजमेर की आनासागर झील में तलाश की. शायद दिव्या मित्तल को एसीबी की कार्रवाई की भनक एक दिन पहले ही लग गई थी. इसलिए दिव्या ने अपने 2 मोबाइल फोन अजमेर की आनासागर झील में फेंक दिए.
रिमांड के दौरान जब एसीबी ने दिव्या मित्तल तो पूछताछ की तो उन्होंने मोबाइल आनासागर झील में फेंकने की बात कबूल की. आज जयपुर एसीबी की टीम मोबाइल बरामदगी के लिए दिव्या मित्तल को लेकर अजमेर पहुंची.
बताया जा रहा है कि रविवार रात जब दिव्या मित्तल ने अपना मोबाइल आनासागर झील में फेंका, उस समय वह अपनी सरकारी गाड़ी में थीं. इसलिए सरकारी गाड़ी के ड्राइवर बहादुर सिंह को भी मौके पर बुलाया गया.
झील गहरी होने के चलते एसीबी ने एसडीआरएफ की मदद ली. एसडीआरएफ के 10 जवानों ने करीब तीन घंटे तक आनासागर झील में मोबाइल की तलाश की, लेकिन मोबाइल बरामद नहीं हुए.
कल भी चलाया जा सकता है सर्च अभियान
इसके बाद अंधेरा होने के चलते सर्च अभियान को रोक दिया गया. बताया जा रहा है कि कल एक बार फिर एसीबी एसडीआरएफ की मदद से सर्च कर सकती है. आज सर्च के दौरान दिव्या मित्तल एसीबी की हिरासत में कार में ही बैठी रहीं. कुछ देर के लिए दिव्या मित्तल को एसीबी के अधिकारी सर्किट हाउस भी लेकर पहुंचे. जहां दिव्या मित्तल ने कुछ देर आराम किया और वापस मौके पर लाया गया.
रविवार रात सरकारी गाड़ी से झील के किनारे पहुंची थी दिव्या
रविवार रात करीब 10 बजे दिव्या मित्तल अपने एआरजी स्थित फ्लैट से अपनी सरकारी गाड़ी से ब्यावर के लिए निकलीं और उसने ड्राइवर बहादुर को गाड़ी आनासागर के करीब से ले जाने के लिए कहा था.
दिव्या मित्तल आनासागर के करीब गाड़ी से उतर गईं और रामप्रसाद घाट पर टहलने लगीं. इस दौरान ड्राइवर कार में ही बैठा था. ड्राइवर ने एसीबी को बताया कि जिस समय रामप्रसाद घाट पर दिव्या उतरीं तो उनके हाथ में सिर्फ एक बैग था, दिव्या ने कुछ सामान झील में फेंका था.
एसीबी की रेड से पहले ही गायब हो गया मोबाइल
जब एसीबी ने दिव्या मित्तल को रंगे हाथों ट्रैप करने का प्रयास किया तो उनका मोबाइल पहले ही गायब था. कोर्ट के आदेश के बाद एसीबी ने पूरी गोपनीयता रखते हुए पांच ठिकानों पर एक साथ सर्च किया.
दिव्या का मोबाइल एसीबी के लिए चुनौती बना हुआ है. दो दिन में दिव्या की रिमांड अवधि भी समाप्त हो रही है. यदि इन दो दिनों में दिव्या का मोबाइल नहीं मिला तो एसीबी का केस कमजोर पड़ने के भी आसार हैं. एसीबी इस हाई प्रोफाइल केस में मीडिया के सामने कुछ भी खुलकर नहीं बोल रही है.
2021 में अजमेर में पकड़ी गई थी नशीली दवाओं की खेप
दरअसल, मई 2021 में अजमेर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 16 करोड़ रुपए से ज्यादा की नशीली दवाओं की खेप पकड़ी थी. इसमें जयपुर में साढ़े पांच करोड़ और अजमेर में 11 करोड़ की दवाओं के साथ आरोपी पकड़े गए थे. मामले की जांच एसओजी द्वारा की जा रही है. इसी मामले से नाम हटाने के ऐवज में एसओजी की एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल पर रिश्वत मांगने का आरोप है. परिवादी ने 4 जनवरी को एसीबी से संपर्क किया था.