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20 साल की उम्र में की थी रेप की कोशिश, अब 59 की उम्र में हाईकोर्ट ने सुनाई सजा, दो हफ्ते में सरेंडर का आदेश

राजस्थान हाईकोर्ट ने 40 साल पुराने रेप के प्रयास के मामले में अहम फैसला सुनाते हुए दोषी शिव प्रकाश को जेल की सजा सुनाई है. 20 साल की उम्र में पांच साल की बच्ची के साथ रेप की कोशिश करने वाले शिव प्रकाश को अब 59 साल की उम्र में जेल जाना होगा. कोर्ट ने 32 साल पुरानी अपील खारिज करते हुए उसे दो हफ्तों के भीतर सरेंडर करने का आदेश दिया है.

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रेप की कोशिश करने वाले 59 की उम्र में सजा. (Representational image)
रेप की कोशिश करने वाले 59 की उम्र में सजा. (Representational image)

राजस्थान हाईकोर्ट ने 40 साल पुराने रेप के प्रयास के मामले में एक व्यक्ति को सजा सुनाई है. दरअसल, जिसे सजा सुनाई गई है, उसने 20 साल की उम्र में 40 साल पहले एक बालिका के साथ रेप की कोशिश की थी. अब 59 साल की उम्र में उसे जेल की साज भुगतनी होगी. हाईकोर्ट ने सजा सुनाते हुए कहा है कि दो सप्ताह के अंदर सरेंडर करे, अगर ऐसा नहीं होता है तो पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेजे.

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जानकारी के अनुसार, 32 साल पहले 7 फरवरी 1985 में राजस्थान के बारां थाने में शिव प्रकाश नाम के व्यक्ति के खिलाफ पांच साल की बच्ची के साथ रेप के प्रयास का मामला दर्ज हुआ था. इस पर 18 दिसंबर 1991 में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने फैसला सुनाते हुए शिव प्रकाश को पांच साल की जेल और पांच सौ रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी. जुर्माना राशि जमा न करने पर छह माह की अतिरिक्त जेल की सजा का आदेश दिया था.

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इस आदेश को शिव प्रकाश ने राजस्थान हाईकोर्ट में साल 1992 में अपील के जरिए चुनौती दी थी. उस समय उसकी उम्र 27 साल थी. सुनवाई के दौरान शिव प्रकाश के वकील प्रणव पारीक ने कहा कि रेप के प्रयास का मामला विश्वसनीय नहीं है. इसमें विरोधाभास है, मगर हाई कोर्ट के न्यायाधीश अनूप कुमार ढंड ने शिव प्रकाश की 32 साल पुरानी अपील को खारिज करते हुए उसे जेल भेजने का आदेश दिया.

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इस मामले में सरकारी वकील मानवेंद्र सिंह ने कहा कि एफएसएल जांच में रेप के प्रयास की पुष्टि हुई है. हाईकोर्ट ने फैसले में कहा कि प्रयास करने के लिए संबंधित अपराध करने का इरादा जरूरी है और प्रयास इस रूप में किया गया है. ऐसा कार्य अपराध के परिणाम के निकट होना चाहिए. लिहाजा इस मामले में रेप करने का प्रयास किया गया है. कोर्ट ने अपील खारिज करते हुए दोषी को 2 सप्ताह के अंदर सरेंडर करने के आदेश दिए.

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