राजस्थान के बाड़मेर में एक दुखद सड़क हादसे में माता-पिता की मौत के बाद सात बेटियों, एक बेटे समेत उनकी 80 वर्षीय बूढ़ी दादी के लिए सोशल मीडिया पर एक ऐसी मुहिम चल पड़ी है. लोग इस हादसे पर अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए लाखों रुपयों की मदद कर रहे है. अब तक बच्चों को 35 लाख रुपये की मदद मिल चुकी है.
दरसअल, दो दिन पहले ही बाड़मेर जिले के सिणधरी कस्बे के मालपुरा में एक बोलेरो ने राह चलते 6 लोगों को कुचल दिया था. इस हादसे में खेताराम और उसकी पत्नी केंकू देवी की मौत हो गई थी और उनका मासूम बेटा घायल हो गया था. खेताराम के 7 बेटियां और एक बेटा है. साथ ही 80 वर्षीय बूढ़ी मां भी है.
दंपति की मौत के बाद सातों बच्चों और उनकी बूढ़ी दादी पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. जब दोनों के शवों को घर के आंगन में लिटाया गया तो पूरा गांव शोकमगन हो गया और हर किसी की आंखों से उन बच्चों के लिए आंसू बहने लगे.
जब यह खबर बाड़मेर समेत आसपास के जिलों में पहुंची तो हर कोई इस हृदयविदारक घटना पर अपने आपको रोक नहीं पाया और माता पिता को खो चुके बच्चों के लिए हरसंभव मदद का प्रयास करने लगा. इसका नतीजा यह हुआ कि अब तक 35 लाख रूपए इन बच्चों के लिए इकठ्ठा हो चुके है.
लोग अपनी इच्छानुसार ऑनलाइन खाते में 8 बच्चों के लिए सहयोग कर रहे हैं और यह मुहिम लगातार जारी है. कई भामाशाह उनके घर पहुंचे और बच्चों की पढ़ाई लिखाई से लगाकर शादी और राशन तक का खर्चा उठाने की बात कह रहे हैं. वहीं कई तो राशन सामग्री के साथ पहुंचे भी. बुधवार को गुड़ामालानी के भामाशाह टीकमाराम पटेल ने 51 हजार, बाड़मेर निवासी भामाशाह लूणसिंह झाला ने 40 हजार और जीतू महेश्वरी ने राशन सामग्री का सहयोग किया.