राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में शनिवार को हुई कैबिनेट बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए. इनमें कोचिंग सेंटरों को कानूनी दायरे में लाना, युवाओं को इंडस्ट्री 4.0 के लिए तैयार करना, दिव्यांगजनों के लिए समान अवसर नीति लागू करना और अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए भूमि आवंटन शामिल हैं.
कोचिंग सेंटरों के लिए नया कानून
कैबिनेट ने 'राजस्थान कोचिंग सेंटर कंट्रोल एंड रेगुलेशन बिल 2025' को मंजूरी दी. डिप्टी सीएम डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने बताया कि इस कानून के तहत 50 या अधिक छात्रों वाले कोचिंग सेंटरों का पंजीकरण अनिवार्य होगा और इन संस्थानों में सुरक्षित और अनुशासित माहौल सुनिश्चित किया जाएगा.
इसके लिए 'राजस्थान कोचिंग इंस्टीट्यूट्स (कंट्रोल एंड रेगुलेशन) अथॉरिटी' का गठन किया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता उच्च शिक्षा विभाग के सचिव करेंगे. जिलास्तर पर डीएम की अध्यक्षता में कमेटी बनेगी. इसके अलावा, छात्रों के लिए राज्यस्तरीय पोर्टल और 24x7 हेल्पलाइन भी शुरू की जाएगी.
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युवाओं को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करेगी राजस्थान कौशल नीति
राजस्थान कौशल नीति को मंजूरी देते हुए संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि इस नीति से युवाओं को ऑटोमेशन, एआई, मशीन लर्निंग, आईओटी, स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग और साइबर सिक्योरिटी जैसी आधुनिक तकनीकों में प्रशिक्षण मिलेगा.
आईटीआई को नए युग के उन्नत कौशल केंद्रों में बदला जाएगा, जहां उद्योगों के साथ ऑन-द-जॉब ट्रेनिंग मिलेगी. संभागीय मुख्यालयों में मॉडल करियर सेंटर स्थापित किए जाएंगे, जो कैरियर काउंसलिंग, अप्रेंटिसशिप और रोजगार की जानकारी देंगे.
दिव्यांगजनों के लिए समान अवसर नीति लागू
कैबिनेट ने दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के तहत समान अवसर नीति को मंजूरी दी.
• राज्य सरकार के सभी कार्यालयों में दिव्यांगों के लिए बाधारहित प्रवेश सुनिश्चित किया जाएगा.
• दिव्यांग कर्मचारियों को ट्रांसफर और प्रमोशन में प्राथमिकता मिलेगी.
• प्रत्येक सरकारी कार्यालय में दिव्यांगजनों की शिकायतों के लिए ग्रीवांस रिड्रेसल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा.
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सरकारी कर्मचारियों को ग्रेच्युटी का लाभ
राज्य सरकार के कर्मचारियों को 1 जनवरी 2024 से केंद्र सरकार की तर्ज पर ग्रेच्युटी का लाभ मिलेगा. ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा 20 लाख से बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दी गई है. इससे जनवरी 2024 से मार्च 2024 के बीच रिटायर हुए कर्मचारियों को 24 करोड़ रुपये का अतिरिक्त लाभ मिलेगा.
अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए भूमि आवंटन
कैबिनेट ने सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए भूमि आवंटन को मंजूरी दी. 2027 तक कृषि क्षेत्र को दिन में बिजली देने के लिए अलग-अलग कंपनियों को भूमि आवंटित की गई है. जैसलमेर, बीकानेर, फलोदी और उदयपुर में सोलर प्रोजेक्ट के लिए 1000 हेक्टेयर से अधिक भूमि सशर्त आवंटित की जाएगी.
कैबिनेट के अन्य अहम फैसले
• राजस्थान स्वेच्छया ग्रामीण शिक्षा सेवा (RVRES) के तहत 'प्राध्यापक' का पदनाम बदलकर 'सहायक आचार्य, सह-आचार्य और आचार्य' किया जाएगा.
• इलेक्ट्रीशियन का पदनाम बदलकर 'इलेक्ट्रीशियन ग्रेड-1' और 'असिस्टेंट इलेक्ट्रीशियन' को 'इलेक्ट्रीशियन ग्रेड-2' किया गया.
• विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय को आधुनिक तकनीकी प्रशिक्षण केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा.