राजस्थान में अवैध खनन के खिलाफ संत विजय बाबा धरने पर बैठ गए थे. राजस्थान के भरतपुर में धरने पर बैठे संत विजय बाबा ने बुधवार को खुद को आग लगा ली. अवैध खनन के विरोध में धरने पर बैठे संत ने खुद को आग लगाकर आत्मदाह की कोशिश की. वे गंभीर रूप से झुलस गए हैं. गंभीर रूप से झुलसे संत विजय बाबा को आनन-फानन में उपचार के लिए नजदीकी अस्पताल ले जाया गया.
संत विजय बाबा की गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टर्स ने प्राथमिक उपचार के बाद संत विजय बाबा को भरतपुर अस्पताल के लिए रेफर कर दिया. भरतपुर के अस्पताल में गंभीर रूप से झुलसे संत विजय बाबा का उपचार चल रहा है. गौरतलब है कि संत विजय बाबा ब्रज क्षेत्र में खनन के विरोध में पिछले 501 दिन से धरने पर थे.
ब्रज क्षेत्र में अवैध खनन के खिलाफ एक अन्य संत नारायण दास भी धरने पर हैं. नारायण दास बाबा 19 जुलाई से मोबाइल टावर पर चढ़े हुए हैं. पुलिस-प्रशासन के अधिकारी नारायण दास की मान-मनौव्वल में जुटे हैं. प्रशासन की ओर से संत नारायण दास को मनाने के लिए की जा रही कोशिशें भी बेअसर होती दिख रही हैं.
प्रशासन की लाख कोशिशों के बावजूद भी संत नारायण दास मोबाइल टावर से नीचे उतरने को तैयार नहीं. गौरतलब है कि साधु-संत ब्रज क्षेत्र में खनन का विरोध कर रहे हैं. साधु-संतों की मांग है कि ब्रज क्षेत्र में खनन को तत्काल रोका जाए. संत समाज इसे लेकर डेढ़ साल से भी अधिक समय से धरने पर है.
राजस्थान के भरतपुर के पसोपा इलाके में साधु-संत ब्रज क्षेत्र में खनन रोकने के लिए धरने पर हैं. संत विजय बाबा की ही बात करें तो वे पिछले 501 दिन से ब्रज क्षेत्र में खनन रोकने के लिए धरने पर बैठे थे. संत विजय बाबा ने बुधवार को अचानक अपने आपको आग लगा ली और आत्मदाह का प्रयास किया.