राजस्थान में शनिवार को कांग्रेस सरकार में गिरती कानून व्यवस्था के खिलाफ बीजेपी ने जयपुर की सड़कों पर जोरदार प्रदर्शन किया. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया की अगुवाई में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन के दौरान बैरिकेड तक तोड़ दिए. गहलोत सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. प्रदर्शन के दौरान पुलिस और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच धक्का मुक्की भी हुई. जिसमें कई बीजेपी नेता घायल भी हुए हैं.
जालोर में दलित बच्चे की मौत और हनुमानगढ़ में पुजारी के जिंदा जलाए जाने की घटनाओं को लेकर राजस्थान बीजेपी ने कांग्रेस शासित सीएम अशोक गहलोत की सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया सहित सैकड़ों बीजेपी कार्यकर्ताओं ने शहीद स्मारक से लेकर सिविल लाइंस की तक मार्च किया.
बीजेपी कार्यकर्ता मुख्यमंत्री निवास तक जाना चाहते थे लेकिन पुलिस नेबैरिकेडिंग कर रखी थी. इस दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं ने बैरिकेड तोड़ दिए. पुलिस के साथ संघर्ष में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया का चश्मा तक टूट गया.
प्रदेश अध्यक्ष सतीश पुनिया ने कहा कि ''राजस्थान में क़ानून व्यवस्था नाम की चीज नहीं है. सीएम अशोक गहलोत खुद गृहमंत्री भी हैं मगर इनसे राजस्थान नहीं संभल रहा है. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि सरकार का कोई ज़िम्मेदार व्यक्ति बात तक करने के लिए तैयार नहीं है.
प्रदर्शन में शामिल हुए सांसद राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ ने सीएम अशोक गहलोत को पुलिस के दम पर विपक्ष का दमन करने वाला बताया. उन्होंने यह भी कहा कि यह सरकार महिला, दलित और गरीब विरोधी सरकार है.
वसुंधरा राजे नहीं हुई प्रदर्शन में शामिल
गहलोत सरकार के खिलाफ प्रदर्शन को लेकर राजस्थान बीजेपी दो गुटों में बंटी हुई नजर आई. एक ओर प्रदेश अध्यक्ष की आगुवाई में
प्रदर्शन हो रहा था. वहीं दूसरी ओर प्रदर्शन स्थल के पास ही मौजूद हिल्टन होटल में मौजूद वसुंधरा राजे सहित कई बीजेपी नेता प्रदर्शन में शामिल नहीं हुए. वसुंधरा कैंप के जयपुर के विधायक अशोक लाहोटी, कालीचरण सर्राफ़, नरपत सिंह राजीव, पूर्व विधायक राजपाल सिंह शेखावत और अशोक परनामी इस विरोध प्रदर्शन से दूर रहे.