चंबल नदी के जैतपुर घाट पर मंगलवार को 25 घड़ियाल छोड़े गए. इन घड़ियालों में चार नर और 21 मादा हैं. इनका पालन देवरी घड़ियाल केंद्र पर करीब तीन साल तक किया गया था. अब ये घड़ियाल अपने प्राकृतिक रहवास में रहने और शिकार करने के लिए तैयार हैं.
डीएफओ सुजीत आर पाटिल ने बताया कि देवरी घड़ियाल केंद्र पर 98 घड़ियाल पाले गए हैं. इनमें से 25 घड़ियालों की पहली खेप चंबल नदी में छोड़ी गई है. बाकी घड़ियालों को अगले चरण में श्योपुर जिले के पाली घाट और राजघाट पर छोड़ा जाएगा.
चंबल नदी में छोड़े गए 25 घड़ियाल
घड़ियालों को बक्सों में लाकर जैतपुर घाट से नदी में छोड़ा गया. जैसे ही घड़ियालों ने नदी का पानी देखा, वो तेज गति से पानी में भागे. यह सभी घड़ियाल 2022 के बैच के हैं और तीन साल की उम्र पूरी कर चुके हैं.
चंबल नदी में घड़ियालों की संख्या अब 2481 हो गई है. इसके अलावा, यहां 878 मगरमच्छ और 111 गंगा डॉल्फिन भी पाई जाती हैं. चंबल नदी में घड़ियालों की आबादी विश्वभर में सबसे ज्यादा है.
राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य, जो 1978 में स्थापित हुआ था, राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के 435 किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है. यहां हर साल जलीय जीवों की गणना की जाती है. फरवरी 2024 की गणना में चंबल में 2456 घड़ियाल दर्ज किए गए थे.
घड़ियालों की संख्या अब 2481 हुई
डीएफओ सुजीत जे पाटिल ने बताया कि देवरी घड़ियाल केंद्र में लगभग 3 साल पहले दो से ढाई साल के घड़ियालों के अंडों की हैचिंग कराई गई थी. जिन्हें देवरी घड़ियाल केंद्र पर ही पाला जा रहा था. अब ये बड़े होकर प्राकृतिक रहवास में रहने योग्य हो गए हैं. अब यह घड़ियाल चंबल नदी में विचरण कर अपना रहवास तय करेंगे और अपना कुनबा बढ़ाएंगे.