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बस बाहर आने वाली है 100 घंटे से बोरवेल में फंसी चेतना! पाइपिंग का काम पूरा, नीचे जा रहे रैट माइनर्स

राजस्थान के कोटपूतली में बोरवेल में गिरी चार साल की चेतना को बचाने का रेस्क्यू ऑपरेशन अंतिम चरण में है. 170 फीट गहराई तक खुदाई के बाद एल-शेप पाइप से चेतना तक पहुंचा गया है. 100 टन क्रेन से बचाव कार्य तेज हुआ है. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और डॉक्टरों की टीम मौके पर मौजूद हैं.

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जल्द बाहर आएगी चेतना.
जल्द बाहर आएगी चेतना.

राजस्थान के कोटपूतली में बोरवेल में गिरी चार साल की बच्ची चेतना को बचाने का रेस्क्यू ऑपरेशन अपने अंतिम चरण में है. चार दिनों से जारी इस अभियान में अब तक 170 फीट गहराई तक समानांतर बोरवेल खोदा जा चुका है. एल-शेप की पाइप के जरिए चेतना तक पहुंचने की प्रक्रिया पूरी हो गई है. पाइप के हॉरिजेंटल हिस्से की वेल्डिंग का काम भी पूरा कर लिया गया है.

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दरअसल, बचाव कार्य में उत्तराखंड सुरंग हादसे में सक्रिय रहे अनुभवी रैट माइनर्स की टीम को लगाया गया है, जो चेतना को सुरक्षित बाहर निकालने का प्रयास करेगी. हालांकि, लगातार बारिश ने अभियान में बड़ी बाधा डाली, जिससे खुदाई का काम बार-बार रुकता रहा. अब 100 टन क्षमता की क्रेन की मदद से 30 फीट लंबी लाइनर पाइप को इनर केसिंग में डाला जा रहा है, जिससे ऑपरेशन में तेजी आई है.

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वहीं, पहले से मौजूद 50 टन की क्रेन को कम क्षमता के कारण वापस भेजना पड़ा. बचाव दल ने बोरवेल में बारिश का पानी जाने से रोकने के लिए इसे चारों तरफ से कवर कर दिया है. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, जिला प्रशासन और स्थानीय पुलिस के अधिकारी मौके पर डटे हुए हैं. चेतना को बाहर निकालने के बाद तुरंत एंबुलेंस से कोटपूतली अस्पताल ले जाया जाएगा, जहां डॉक्टरों की टीम इलाज के लिए तैयार है.

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तेज बारिश के कारण रुका रेस्क्यू ऑपरेशन

वहीं, अब कोटपूतली इलाके में भारी बारिश के चलते चेतना का रेस्क्यू ऑपरेशन रोक दिया गया है. बच्ची को बचाने के लिए बड़ी मशीन बुलाई गई थी. लेकिन, बारिश के चलते वेल्डिंग का काम रोक दिया गया. फिलहाल, घटना स्थल पर वाटरप्रूफ टेंट लगाने का काम चल रहा है. बारिश के चलते सभी मशीनों को तिरपाल से ढक दिया गया है.

150 फीट गहरे बोरवेल में फंसी बच्ची

दरअसल, कोटपूतली-बहरोड़ जिले के सरुंड थाना अंतर्गत बडियाली ढाणी में अपने पिता के कृषि फार्म में खेलते वक्त चेतना बोरवेल में गिर गई. बच्ची एक संकीर्ण 150 फीट गहरे बोरवेल में 70 घंटे से ज्यादा वक्त से फंसी हुई है. हर गुजरते पल के साथ लड़की के ठीक होने की उम्मीद कम होती जा रही है, क्योंकि बचाव दल चेतना को कोई भोजन या पानी नहीं दे पा रहा है.

स्थानीय पुलिस और प्रशासन की सहायता से एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों के लगातार काम कर रही हैं. शुरुआत में बच्ची को रिंग की मदद से बोरवेल से बाहर निकालने की कोशिश की गई, लेकिन सभी कोशिशें नाकाम रहीं. दो दिनों तक बार-बार कोशिश करने के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकला, बुधवार की सुबह मौके पर बोरवेल के समानांतर एक गड्ढा खोदा गया. अब 100 टन क्षमता की क्रेन की मदद से 30 फीट लंबी लाइनर पाइप को इनर केसिंग में डाला जा रहा है, जिससे ऑपरेशन में तेजी आई है. बता दें कि बच्ची कई घंटों से बिना खाना पानी के बोरवेल में फंसी है. कैमरे में नजर नहीं आने के चलते बच्ची के मौजूदा हालत के बारे में पता नहीं लगाया जा सका है.

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