राजस्थान सरकार मनचलों के खिलाफ सख्त कदम उठाएगी. युवतियों से छेड़छाड़ करने वाले युवकों की अब खैर नहीं है. खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस पर संज्ञान लेते बड़ा कदम उठाया है. राज्य सरकार ने फैसला किया है कि छेड़छाड़, दुष्कर्म के प्रयास के आरोपियों और मनचलों को सरकारी नौकरियों से प्रतिबंधित किया जाएगा. इसके लिए मनचलों का पुलिस थानों में हिस्ट्रीशीटरों की तरह रिकॉर्ड रखा जाएगा.
राज्य सरकार पुलिस द्वारा जारी किए जाने वाले इनके चरित्र प्रमाण पत्र पर यह अंकित भी करेगी. खुद सीएम ने कहा कि ऐसे असमाजिक तत्वों का सामाजिक बहिष्कार करना आवश्यक है. जिसके बाद राजस्थान तक ने "चौपाल कार्यक्रम" के जरिए राजस्थान यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने वाली छात्राओं की राय जानी तो सभी ने एक स्वर में मुख्यमंत्री के इस फैसले का स्वागत किया है.
मनचलों का रिकॉर्ड रखा जाएगा और नियमों में बदलाव किए जाएंगे
युवतियों का कहना है कि चाहें यूनिवर्सिटी हो या फिर कोचिंग हमेशा इस समस्याओं से लड़कियों को गुजरना पड़ता है. मनचले दीनदहाड़े उनके साथ छेड़छाड़ करते हैं लेकिन कार्रवाई के नाम पर मात्र खानापूर्ति होती है जिसकी वजह से उनके हौसले बुलंद होते रहते है. अब मुख्यमंत्री ने प्रदेश की बेटियों की आवाज सुन इस दिशा में कड़ा फैसला लिया है.
मनचलों के कैरेक्टर सर्टिफिकेट में लिखा जाएगा ये छेड़छाड़ में शामिल
हालांकि इससे पहले भी कई ऐसे निर्देश दिए गए. लेकिन धरातल पर नहीं उतर सकें. ऐसे में उम्मीद है इस बार राजस्थान पुलिस सख्त होगी और ऐसे आरोपियों को चिन्हित कर धरपकड़ करें. इससे आने वाले समय में ऐसी घटनाओं में भारी कमी भी आएगी. डेटाबेस में ऐसे लोगों के नाम मिलान करके वे अगर नौकरी के लिए अप्लाई करेंगे तो उनके आवेदन ही रिजेक्ट कर दिए जाएंगे.
सीएम ने छेड़छाड़ करने वाले मनचलों के खिलाफ स्पेशल ऑपरेशन चलाने के आदेश दिए हैं. स्कूल, कॉलेजों और बाजारों में मनचलों पर निगरानी के लिए सिविल ड्रेस में पुलिसकर्मियों को लगाया जाएगा.