राजस्थान में चुनाव से पहले सियासत गरम है. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के राजस्थान दौरे पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आपत्ति जताई है. उन्होंने यहां तक कह दिया कि बार-बार सुबह शाम राजस्थान में दौरे करने का क्या मतलब है? प्रदेश में कुछ दिनों में चुनाव है. मेहरबानी करें. उपराष्ट्रपति धनखड़ बुधवार को राजस्थान पहुंचे थे. उन्होंने यहां अलग-अलग जिलों में पांच कार्यक्रमों में हिस्सा लिया और एक मंदिर में जाकर माथा टेका.
बता दें कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ लगातार राजस्थान के ताबड़तोड़ दौरे कर रहे हैं. वे पिछले 13 महीने में 17 बार राजस्थान दौरे पर आए और 34 कार्यक्रमों में हिस्सा लिया. उपराष्ट्रपति रहते हुए अब तक राजस्थान के 13 जिले में दौरे पर पहुंचे. बुधवार को वो झुंझुनूं, बाड़मेर, बीकानेर और जोधपुर जिले के दौरे पर आए और पांच कार्यक्रमों में हिस्सा लिया. इससे पहले धनखड़ पिछले 13 महीने में राजस्थान के जयपुर, झुंझुनूं, भरतपुर, चित्तौड़गढ़, कोटा, उदयपुर, नागौर, टोंक, सिरोही और बीकानेर दौरे पर पहुंचे और 29 कार्यक्रमों में हिस्सा लिया. राजस्थान में कुल जिलों की संख्या 33 थी. हाल ही में कुछ नए जिले बनाए गए हैं, इसलिए यह संख्या बढ़कर 50 हो गई है.
राजस्थान में जाट वोटर्स को साधना चुनौती!
धनखड़ के राजस्थान दौरों की राजनीतिक चर्चाएं भी तेज हो गई हैं. क्योंकि राजस्थान में अगले कुछ महीने में विधानसभा चुनाव हैं. बीजेपी से लेकर कांग्रेस और अन्य पार्टियां राज्य में अपने वोट बैंक को मजबूत करने में लगी हैं. इसके लिए जातिगत समीकरणों को साधने की पूरी कोशिश की जा रही है. दरअसल, राजस्थान में जाट समाज का बड़ा राजनीतिक प्रभाव है. यहां जाट समाज 80-90 सीटों पर अपना प्रभाव रखता है. करीब एक साल पहले जब बीजेपी ने उपराष्ट्रपति के लिए जगदीप धनखड़ का नाम आगे किया तो इस बात की चर्चा खूब हुई और राजनीतिक मायने निकाले गए. जानकार कहते हैं कि आने वाले दिनों में राजस्थान में चुनाव हैं. ऐसे में जाट वोटर्स को साधने के लिए धनखड़ का नाम आगे बढ़ाया गया है.
उपराष्ट्रपति बनने के बाद पैतृक गांव भी गए धनखड़
जगदीप धनखड़ उपराष्ट्रपति बनने के बाद तीन बार अपने गृह जनपद झुंझनू का दौरा भी कर चुके हैं. इसके अलावा, पिछले साल वो 8 सितंबर को अपने पैतृक गांव किठाना भी गए थे. 19 नवंबर को खेतड़ी में विभिन्न कार्यक्रमों में भी मौजूद रहे. इस साल 27 अगस्त को धनखड़ झुंझनूं में सैनिक स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए.
जनवरी में सबसे पहले जयपुर दौरे पर आए थे धनखड़
इस साल 11 जनवरी को धनखड़ सबसे पहले जयपुर में आयोजित 83वें ऑल इंडिया प्रेसिडिंग ऑफिसर्स कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए थे. उपराष्ट्रपति 14 मई को नागौर दौरे पर आए थे. वो खरनाल और पुष्कर भी दर्शन करने पहुंचे थे. 23 जून को धनखड़ जयपुर गए थे. वहां उन्होंने स्टूडेंट्स से जुड़े कार्यक्रम में शिरकत की थी. धनखड़ 27 अगस्त को जयपुर भी गए थे. वो 22 अगस्त को उदयपुर और चित्तौड़गढ़ पहुंचे थे.
राजस्थान में इस साल कब-कहां दौरे पर गए उपराष्ट्रपति?
- 27 सितंबर को धनखड़ ने राजस्थान के बीकानेर का दौरा किया और वहां कार्यक्रम में हिस्सा लिया. वे अपने शिक्षक जीएस आचार्य से भी मुलाकात करने पहुंचे. इसके अलावा, वो अपने गृह जिले झुंझुनू के पिलानी में स्थित BITS में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए. 23 सितंबर को उपराष्ट्रपति चौरू धाम में संत धन्ना भगत मंदिर में पहुंचे थे.
- 14 सितंबर को उपराष्ट्रपति ने जयपुर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जल शक्ति मंत्रालय से जुड़े कार्यक्रम में हिस्सा लिया. वो टोंक भी गए थे. 12 सितंबर को धनखड़ भरतपुर गए थे. वहां विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लिया और लक्ष्मण जी महाराज मंदिर में दर्शन करने गए थे. इससे पहले 5 सितंबर को चित्तौड़गढ़, कोटा और टोंक गए थे. 4 सितंबर को जयपुर दौरे पर पहुंचे थे.
राजस्थान में पिछले साल भी दौरे पर गए थे धनखड़
- पिछले साल 25 सितंबर को बीकानेर दौरे पर पहुंचे थे. 20 सितंबर को जयपुर गए थे. इससे पहले 8 सितंबर को भी जयपुर पहुंचे थे. वो सीकर जिले में खाटू श्याम मंदिर में दर्शन करने पहुंचे थे. उसके बाद चुरू जिले में सालासर धाम में पूजा करने गए थे. झुंझनूं में सैनिक स्कूल के कार्यक्रम में सम्मिलित हुए.
- 25 अक्टूबर को नाथद्वारा और माउंट आबू में दिलवाड़ा मंदिर में पूजा करने पहुंचे थे. 15 अक्टूबर को जयपुर में भगवान महावीर कैंसर अस्पताल और अनुसंधान केंद्र के कार्यक्रम में पहुंचे थे. 19 नवंबर को खेतड़ी में हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड के प्रोग्राम में गए थे.
अशोक गहलोत ने धनखड़ को लेकर क्या कहा?
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को जयपुर में बिड़ला ऑडिटोरियम में मिशन 2030 के तहत जनसंवाद कार्यक्रम को संबोधित किया और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के राजस्थान के लगातार दौरों पर तंज कसा. उन्होंने कहा, आप उपराष्ट्रपति हैं. आपका स्वागत है. लेकिन इस तरह बार-बार राजस्थान में दौरा करेंगे तो जनता क्या सोचेगी? प्रदेश में कुछ महीनों बाद चुनाव होना है. इसीलिए उपराष्ट्रपति राजस्थान के दौरे कर रहे हैं. वो संवैधानिक पद पर बैठे हुए हैं. अगर वे इस तरह करेंगे तो जनता क्या सोचेगी. हम उनका सम्मान करते हैं. हम चाहते हैं कि वह राष्ट्रपति बनें. आज भी उनके पांच अलग-अलग जगह पर दौरे हैं. उपराष्ट्रपति जी राजस्थान के हैं. वे यहां आएंगे लेकिन फिलहाल कुछ दिनों में चुनाव है. मेहरबानी करें.
उन्होंने आगे कहा, शेखावत साहब भी उपराष्ट्रपति बने थे. लेकिन शेखावत साहब ने कहा था कि राजस्थान मेरा घर है. यहां कोई प्रोटोकॉल नहीं होगा. उपराष्ट्रपति धनखड़ पूरे प्रोटोकॉल के तहत राजस्थान के दौरे पर आ रहे हैं. गहलोत का कहना था कि पीएम ने इस साल 9 बार दौरा किया है. हम उनका स्वागत करते हैं. उपराष्ट्रपति अप-डाउन कर रहे हैं. हम उनका सम्मान करते हैं. वे (उपराष्ट्रपति) यहां बार-बार आ रहे हैं. उन्होंने इस महीने 5 बार (राजस्थान) दौरा किया. इसका कोई मतलब नहीं है. मैं ऐसे मामलों में राजनीतिक भेदभाव नहीं करता. वहीं, गहलोत के बयान पर बीजेपी ने पलटवार किया और कहा, उपराष्ट्रपति पर कांग्रेस मूर्खतापूर्ण टिप्पणी कर रही है.
'पॉलिटिक्स हो रही है, राजस्थान देख रहा है'
राजस्थान सरकार में मंत्री प्रताप खाचरियावास ने कहा, पूरा राजस्थान जानता है उपराष्ट्रपति जी जितने भी दौरे कर रहे हैं वो राजनीतिक दौरे हो रहे हैं. जब धनकड़ साहब बंगाल के गवर्नर थे तब भी उन पर इस तरीके के सवाल खड़े हुए थे. उपराष्ट्रपति के जिस प्रकार के दौरे राजस्थान में हो रहे हैं- पॉलिटिक्स हो रही है. वह पूरा राजस्थान देख रहा है.