
राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तरफ से पुलिस को फ्री हैंड देने के बयान के बाद अब पुलिस का मनोबल बढ़ा है. सीएम का यह बयान उदयपुर पुलिस के लिए हौसला बढ़ाने वाला है, क्योंकि दक्षिणी राजस्थान और खासतौर पर आदिवासी इलाकों में भी छापेमारी के दौरान पुलिस पर कई हमले हुए हैं. कई बार फायरिंग तो कई बार पथराव होना, इन इलाकों में आम बात है. बीते 7 महीनों में भी उदयपुर की पुलिस पर 4 बार बड़े हमले हुए हैं. जिनमें पुलिसकर्मियों को बंधक बनाने, फायरिंग और पथराव-मारपीट करने जैसी घटनाएं शामिल हैं.
कहां और कब हुए उदयपुर पुलिस पर हमले?
27 अप्रैल 2023 : उदयपुर जिले की मांडवा पुलिस फरार बदमाश रणिया बूंबरिया को गिरफ्तार करने उसके गांव छापरला पहुंची तो बदमाशों को भनक लग गई. रणिया के परिवार समेत 29 ग्रामीणों ने पुलिस पर धावा बोल दिया. पथराव करते हुए लाठियों से हमला किया. यही नहीं, पुलिसकर्मियों से सेल्फ लोडेड राइफल छीनकर फायरिंग भी की. हालांकि, उस दौरान कोई जनहानि नहीं हुई. घटनाक्रम में SHO उत्तम सिंह समेत 6 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे.
2 फरवरी 2023:
उदयपुर शहर से सटे सुखेर थाने के हार्डकोर अपराधी किशन मेनारिया और दीपक मेनारिया ने व्यापारी किशन रेबारी का अपहरण कर 35 लाख रुपए की फिरौती मांगी. दोनों बदमाश उसे दो दिन से अपने साथ लेकर घूम रहे थे. फिर 4 फरवरी को राजसमंद में केलवा हाईवे पर सुखेर पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ हुई थी. गोमती उदयपुर फोरलेन पर दीपक ने अपनी कार से पुलिस जीप को टक्कर मारी. दो राउंड फायर भी किए थे.
24 फरवरी 2023 :
डोडा चूरा तस्कर खेरोदा थाना पुलिस पर फायरिंग कर फरार हुए. नाकाबंदी के दौरान मंगलवाड़ की तरफ से आ रहा कार चालक पुलिस को देख रॉन्ग साइड से भागने लगा. जाब्ते ने पीछा किया तो आरोपियों ने फायरिंग कर दी. पुलिस ने भी फायर कर टायर फोड़ दिया. तस्कर हवाई फायर करते हुए भाग गए. पुलिस ने प्लास्टिक के 17 कट्टों में भरा 301 किलो डोडा चूरा जब्त किया था.
28 सितंबर, 2022 :
बेकरिया थाना पुलिस ने उदयपुर से पिंडवाड़ा जा रही पिकअप को रुकने का इशारा किया तो चालक गाड़ी मोड़कर भागने लगा. पुलिस ने टायर के नीचे स्पीड ब्रेकर फेंका और टायर पंक्चर हो गया. इसी बीच तस्करों ने बचने के लिए पुलिस पर दो फायर किए और गाड़ी छोड़कर भाग गए. पुलिस ने पिकअप से 45 कट्टे में से 971 किलो डोडा चूरा बरामद किया था.
कई रिटायर्ड पुलिस अधिकारियों का मानना है कि मुख्यमंत्री के बयान से अब पुलिस मुल्जिमों को पकड़ने में पीछे नहीं होगी. डटकर किसी भी परिस्थिति में सामने की हिम्मत से अपराधियों में खौफ बढ़ाएगी.
रिटायर्ड अधिकारी बताते हैं कि उदयपुर, चित्तौड़ और प्रतापगढ़ जिलों में डोडा-चुरा तस्करी की कार्रवाई के दौरान पुलिस आम तौर पर कड़े एक्शन से बचती है. पुलिस बल पर फायरिंग के बावजूद पुलिस हथियार नहीं चलाती और बचने की कोशिश करती है.
इसी रक्षाबंधन के बीच उदयपुर पुलिस ने अत्याधुनिक कैमरों से लैस 2 बोलेरो पुलिस वैन का उद्घाटन किया है. SP भुवन भूषण यादव बताते है कि ऐसी 18 गाड़ियां और आने वाले दिनों में पुलिस बेड़े में शामिल होंगी.
उदयपुर एसपी यादव ने कहा कि तस्करों और गैंगस्टर को लेकर एक बार फिर पुलिस पूरी तैयार हो गई है. जल्द ही अलग अलग ऑपरेशंस के तहत छापेमारियां करते रहेंगे.