राजस्थान विधानसभा में लगातार चौथे दिन बीजेपी सरकार के मंत्री द्वारा इंदिरा गांधी को दादी कहने के मुद्दे पर गतिरोध बना रहा. कांग्रेस विधायक विधानसभा परिसर के बाहर गेट पर गद्दे डालकर धरने पर बैठे. सुबह से ही विधानसभा के दोनों गेट पर बड़ी संख्या में मार्शल लगा दिए गए थे, ताकि कांग्रेस के निलंबित विधायक विधानसभा परिसर में न आ पाएं.
कांग्रेस विधायकों ने दो घंटे तक विधानसभा के बाहर धरना देकर नारेबाजी की और कहा कि इंदिरा गांधी का अपमान करने वाले बीजेपी सरकार के मंत्री अविनाश गहलोत माफी मांगें. कांग्रेस के धरने में शामिल होने आए पार्टी महासचिव सचिन पायलट ने कहा कि हम अपने नेताओं का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे. इंदिरा गांधी ने देश के लिए बलिदान दिया था और ऐसे नेता के बारे में प्रश्नकाल में बेवजह अपमानजनक तरीके से टिप्पणी करना बीजेपी की साजिश है ताकि जनता को वास्तविक मुद्दों से भटाकाया जा सके.
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राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि कांग्रेस के तीन नेताओं ने खेद प्रकट किया, लेकिन बीजेपी की तरफ से मंत्री ये कहने के लिए भी तैयार नहीं हैं कि हम इंदिरा गांधी का अपमान नहीं करना चाहते थे. हमने फिर से वार्ता का संदेश भिजवाया है और इंतजार कर रहे हैं. जब तक हमारे 6 सदस्यों का निलंबन रद्द नहीं होगा, तब तक हमारे सभी विधायक सदन से बाहर हीं रहेंगे.
इससे पहले कांग्रेस नेता विधानसभा में जाने की कोशिश करते रहे, लेकिन मार्शलों ने उन्हें अंदर नहीं जाने दिया. उधर बीजेपी का कहना है कि अकेले प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की अमर्यादित टिप्पणी की वजह से गतिरोध बना हुआ है. डोटासरा ने विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी की तरफ इशारा करके कहा था कि इसके बाप का सदन है क्या. हम जूते से सदन चलाएंगे. उसके बाद डोटासरा ने बाहर जाकर कहा कि गोडसे के औलादों से हम डरते नहीं हैं.
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बीजेपी भी अड़ गई है कि गोविंद सिंह डोटासरा जबतक माफी नहीं मांगेंगे तब तक कोई समझौता नहीं होगा. बीजेपी सरकार अकेले ही सदन चला रही है. ऐसा राजस्थान में पहली बार हो रहा है. विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने भावुक होते हुए कहा कि जिस तरह की भाषा कांग्रेस के एक सदस्य की रही, वह विधानसभा का सदस्य रहने के लायक नहीं है.