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अजमेर जिले के थानों में पुलिस कॉन्सटेबल्स को मिलेगा वीकली ऑफ, शुरू हुआ पायलट प्रोजेक्ट

राजस्थान डीजीपी उमेश मिश्रा ने माना कि राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल्स कठिन और विपरीत परिस्थियों में अपना कर्तव्य निभाते हैं. इसके कारण पुलिसकर्मी स्वास्थ्य संबंधी, पारिवारिक और सामजिक चुनौतियों के चलते तनाव और दबाव में आ जाते हैं. लिहाजा, अजमेर के थानों में तैनात कांस्टेबल को साप्ताहिक अवकाश दिया जाएगा. गेगल थाने को पायलट प्रोजेक्ट के लिए चुना गया है. 

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जिला पुलिस अधीक्षक चूनाराम जाट ने बताया कि सप्ताहिक अवकाश आज से दिए जाने लगे हैं.
जिला पुलिस अधीक्षक चूनाराम जाट ने बताया कि सप्ताहिक अवकाश आज से दिए जाने लगे हैं.

राजस्थान पुलिस के कांस्टेबल लगातार तनाव और दबाव में अपनी जिम्मेदारियों को निभा रहे हैं. ऐसे में उन्हें आराम देने के लिए अब राजस्थान डीजीपी उमेश मिश्रा के निर्देश पर अजमेर जिले के थानों में तैनात कांस्टेबल को साप्ताहिक अवकाश दिया जाएगा.

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डीजीपी ने माना कि राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल्स कठिन और विपरीत परिस्थियों में अपना कर्तव्य निभाते हैं. इसके कारण पुलिसकर्मी स्वास्थ्य संबंधी, पारिवारिक और सामजिक चुनौतियों के चलते तनाव और दबाव में आ जाते हैं. अजमेर जिले के गेगल थाने को इस नई व्यवस्था के लिए पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चुना गया है. 

गेगल थाने में शुरू किया गया पायलट प्रोजेक्ट  

अजमेर के गेगल थाने में तैनात कांस्टेबल्स को आज से रोटेशन पॉलिसी के तहत सप्ताह में एक बार अवकाश दिया जाएगा. जिला पुलिस अधीक्षक चूनाराम जाट ने बताया, “पुलिस जवानों के पारिवारिक एवं सामाजिक जीवन में सौहार्द विकसित करने के लिए पुलिस थाने में तैनात कांस्टेबलों को साप्ताहिक विश्राम देने की योजना के प्रायोगिक परीक्षण के लिए गेगल पुलिस थाने को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चुना गया है.” 

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एसपी जाट ने आगे बताया, “यह साप्ताहिक अवकाश सीएल/पीएल के साथ नहीं दिया जाएगा. कानून व्यवस्था की जरूरत को देखते हुए, अति आवश्यक राजकार्य के दौरान वीकली ऑफ को रद किया जा सकता है. विश्राम का दिन मौजूद नफरी के उचित अनुपात में कांस्टेबल को साप्ताहिक अवकाश स्वीकृत करेंगे. यदि किसी थाने में 49 लोग हैं, तो प्रतिदिन सात और किसी थाने में 28 लोग हैं, तो प्रतिदिन चार लोगों को अवकाश दिया जाएगा."

उन्होंने आगे कहा, "यह व्यवस्था आज से लागू कर दी गई है. विश्राम का दिन और कांस्टेबल का चयन थानाधिकारी अपने विवेक से यथा संभव कांस्टेबल की सुविधानुसार निश्चित करेंगे. यह विश्राम असंक्रमणीय पद्धति से देय होगा तथा विश्राम की अवधि सुबह 8 बजे से अगले दिन सुबह 8 बजे तक होगी.”

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