Rajasthan News: जयपुर में नौतपा के अलर्ट से पहले मई माह में आसमान से मानो आग बरस रही है. प्रदेश के कई जिलों में पारा परवान पर है लेकर जयपुर जैसे शहर में भी इस माह दूसरी बार पारा 45 डिग्री के पार चला गया है. ऐसे में इंसान तो इंसान अब बेजुबान जानवर भी मानो आग की भट्टी में झूलस रहे हैं. ऐसे में आम लोग तो गर्मी से बचाव के लिए घरों में AC-कूलर में बैठकर ठण्डी चीजों को जुटा लेते हैं लेकिन बेजुबान जानवरों को कितनी गर्मी लग रही है, इसका अंदाजा किया जाना मुमकिन नहीं है.
ऐसे में आसमान से बरसी आग के तांडव से जानवरों को बचाने के लिए जयपुर में बने नाहरगढ़ जैविक उद्यान में विशेष इंतजाम किए किए गए है. यहां शेर और बाघ कूलर की ठंडी हवा से तपन मिटा रहे हैं, तो वही भालू ठंडी-ठंडी आइसक्रीम का लुत्फ़ उठा रहे हैं. यही नहीं, हिरण और सांभर तो तरबूज का आनंद ले रहे हैं. वहीं, बाकी जानवरों को भी फ्रूट के साथ ग्लूकोज मिलाकर दिया जा रहा है ताकि सूर्यदेव के तीखे तेवर से बचा जा सके. इसके अलावा, लू के कहर से बेजुबानों को बचाने के लिए कई जगह फव्वारे भी लगाए गए हैं.
डीसीएफ जगदीश गुप्ता ने बताया, नाहरगढ़ जैविक उद्यान और जयपुर जू में जानवरों को गर्मी से बचाने के लिए वन विभाग ने इस तरह के इंतजाम किए हैं ताकि गर्मी के मौसम में जानवरों को बचाया जा सके. इसके अलावा, अभयारण्य में मौजूद हिरण, सांभर, काले हिरण के लिए गर्मी से बचाने के लिए उनके खान-पान में तरबूज को शामिल किया गया है ताकि उनको पानी की कमी न हो.
इसके साथ ही ज्यादातर जानवरों के पानी में ग्लूकोज मिलाकर दिया जा रहा है ताकि उन्हें डिहाइड्रेशन न हो. इन्हीं इंतजामों में पूरे अभयारण्य में जहां एक और शेर, टाइगर, भालू जैसे जानवरों को गर्मी से बचाने के लिए उनके सामने बड़े कूलर लगाए गए हैं, तो वहीं दूसरी ओर उनके खानपान में भी बदलाव किया गया है. भालू को आइसक्रीम और सत्तू खाने को दिया जा रहा है.
इंसान तो इंसान जानवरों को भी आइसक्रीम और फल-फ्रूट खाते देख हर वन्य प्रेमी खुश हैं. उनका भी मानना है कि गर्मी का जितना असर मनुष्य पर पड़ रहा है, उससे कहीं ज्यादा जानवरों पर भी है, लेकर इसको समझने की जरूरत है. फॉरेस्ट विभाग ने रिकॉर्डतोड़ गर्मी में बेजुबानों के लिए अनूठी पहल ही की है जो काबिले तारीफ है.