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Rajasthan: दलित दूल्हे की बारात में बारातियों से ज्यादा पुलिसकर्मी, जानें वजह

नसीराबाद के लवेरा गांव में एक दलित शख्स ने अपनी बेटी की शादी समारोह में संभावित विवाद को रोकने के लिए प्रशासन से सुरक्षा की गुहार लगाई थी. इस पर पुलिस और प्रशासन ने गांव में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी, जिससे दुल्हे की बारात घोड़ी पर बिना किसी विवाद के निकले.

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घोड़ी पर निकलकी दलित दूल्हे की बारात
घोड़ी पर निकलकी दलित दूल्हे की बारात

राजस्थान के अजमेर से एक हैरतअंगेज मामला सामने आया है. जहां एक बारात में बारातियों से ज्यादा पुलिसकर्मी दिखें. पुलिसकर्मियों को सुरक्षा देने को मजबूर होना पड़ा, क्योंकि दूल्हा दलित है. दूल्हे के घरवालों को आशंका थी कि घोड़ी पर बैठकर दलित दूल्हा निकला तो दूसरे वर्ग के लोग विवाद खड़ा कर सकते हैं.

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अजमेर के नसीराबाद स्थित लवेरा गांव में एक दलित व्यक्ति नारायण खोरवाल ने अपनी बेटी के विवाह समारोह से पहले सुरक्षा की मांग की. नारायण ने उपखंड अधिकारी देवीलाल यादव को प्रार्थना पत्र देकर बताया कि उसकी बेटी अरुणा का विवाह श्रीनगर निवासी विजय के साथ 21 जनवरी को होने जा रहा है. उन्होंने आशंका व्यक्त की कि बारात गांव में घोड़ी पर आने पर विवाद खड़ा हो सकता है.

बारात में बारातियों से ज्यादा पुलिसकर्मी

इन चिंताओं को ध्यान में रखते हुए पुलिस और प्रशासन ने गांव में सुरक्षा व्यवस्था के तहत सभी आवश्यक कदम उठाए. गांव के गणमान्य व्यक्तियों से चर्चा करके शांति बनाए रखने की अपील की गई. अंततः मंगलवार को जब श्रीनगर से दुल्हे विजय की बारात गांव पहुंची, तो कोई भी विवाद नहीं हुआ और बारात शांति से घोड़ी पर निकाली गई.

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सुरक्षा के बीच दलित दूल्हे की बारात घोड़ी पर निकली

इस मौके पर उपखंड अधिकारी देवीलाल यादव, तहसीलदार ममता यादव, एडिशनल एसपी डॉ. दीपक कुमार और कई अन्य पुलिस अधिकारियों की उपस्थिती रही. विवाह समारोह के सफल सम्पन्न होने के बाद सबने राहत की सांस ली. गांव के गणमान्य व्यक्तियों ने अधिकारियों को भरोसा दिलाया कि किसी प्रकार का एतराज नहीं उत्पन्न किया गया है. वहीं, नारायण खोरवाल ने भी 20 साल पहले अपनी बहन के विवाह में घोड़ी को लेकर हुए विवाद का जिक्र किया और कहा कि अब गांव में शांति बनी हुई है.  

गांव वालों की सहमती से निकली बारात

एसडीएम देवीलाल ने बताया कि पिछले सप्ताह हमारे पास अंबेडकर सेवा संस्थान श्रीनगर से एक परिवाद प्राप्त हुआ था कि 21 तारीख को श्रीनगर से लवेरा एक ऐसी समुदाय की शादी है करीब 20 साल पहले कोई घटना हुई थी तो इसकी आशंका को देखते हुए उन्होंने आशंका जताई थी कि उन्हें घोड़ी पर बैठकर बिंदोरी निकलने पर आपत्ति जताई जा सकती है गांव वालों ने अपना सहयोग किया है.

इसके अलावा एडिशनल एसपी डॉक्टर दीपक कुमार ने बताया कि हमने पहले सभी गांव वालों से बात की. गांव वालों ने कहा की ऐसी कोई बात नहीं है सभी को समान अधिकार है. दुल्हन के पिता नारायण सिंह का कहना है कि 20 साल पहले उनकी बहन की शादी थी. उस समय थोड़ा लफड़ा हुआ था तो मुझे शंका थी कहीं फिर से कोई विवाद ना हो. इसलिए प्रशासन से मदद की गुहार लगाई थी.

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