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28 घंटे से बोरवेल में फंसा है 5 साल का आर्यन, अब देसी जुगाड़ से बनेगी बात?

अधिकारियों के मुताबिक बच्चा 150 फीट पर फंसा है जबकि खुदाई 90 फीट तक हुई है. इसके बाद दस फीट की समानंतर टनल बनाई जाएगी ताकि बोरवेल तक पहुंचा जा सके. इसमें अभी समय लगेगा. बच्चे को अब देखा भी जा सकता है क्योंकि एनडीआरएफ की टीम ने जो मशीन बच्चे को खींचने के लिए भेजी थी, वो टूट गई है. आज सुबह दस बजे के बाद बच्चे की कोई मूवमेंट नहीं देखी गई है.

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दौसा में 5 साल के आर्यन को बोरवेल से निकाले में जुटे लोग
दौसा में 5 साल के आर्यन को बोरवेल से निकाले में जुटे लोग

राजस्थान के दौसा में 150 फीट गहरे बोरवेल में फंसे पांच साल के आर्यन को बचाने का अभियान मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी है. घटना कालीखाड गांव की है, जहां सोमवार को करीब 3:30 बजे दोपहर को आर्यन मीणा अपनी मां के साथ खेत पर जाते हुए बोरवेल में गिर गया. मंगलवार शाम को रेस्क्यू ऑपरेशन फिलहाल रोक दिया गया. अब बगल में खुदाई कर टनल बनाकर पहुंचना ही एक विकल्प बचा है, जिसमें कल सुबह तक का वक्त लगेगा. 

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एक अधिकारी ने कहा कि बचावकर्मियों ने समानांतर गड्ढा खोदने के लिए कई अर्थमूवर्स और ट्रैक्टरों को तैनात किया है. इसके साथ ही देसी जुगाड़ से फंदा डालकर भी प्रयास किए जा रहे हैं. बच्चे के हाथ में फंदा फंसाकर धीरे-धीरे खिंचा जाएगा.

अधिकारियों के मुताबिक बच्चा 150 फ़ीट पर फंसा है जबकि खुदाई 90 फीट तक हुई है. इसके बाद दस फीट की समानंतर टनल बनाई जाएगी ताकि बोरवेल तक पहुंचा जा सके. इसमें अभी समय लगेगा. बच्चे को अब देखा भी जा सकता है क्योंकि एनडीआरएफ की टीम ने जो मशीन बच्चे को खींचने के लिए भेजी थी, वो टूट गई है. आज सुबह दस बजे के बाद बच्चे की कोई मूवमेंट नहीं देखी गई है.

आखिरी बार आधी रात को दिखी थी मूवमेंट

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक आर्यन को लेकर बचावकर्ताओं ने कहा कि उन्होंने आखिरी बार आधी रात लगभग 2 बजे कैमरे के जरिए मूवमेंट देखी थी. बचाव दल उस तक पहुंचने के लिए पैरलल टनल बना रहा है. बच्चे तक पाइप के जरिए ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है. इससे पहले रस्सी और कुछ अन्य उपकरणों की मदद से बच्चे को बाहर निकालने की भी कोशिश की गई थी. लेकिन सभी विकल्प फेल हो गए.

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इस स्थिति में रिंग का इस्तेमाल नहीं कर सकते: एसपी

रिपोर्ट्स के मुताबिक दौसा की एसपी रजनीता शर्मा ने बताया, "हमने कल एक कैमरा भेजा था और बच्चा हिलता हुआ दिखाई दिया. अब, यह उम्मीद की जा रही है कि बच्चा सो गया होगा. स्थिति मुश्किल है क्योंकि 150 फीट की गहराई पर एक बोरिंग मोटर मशीन है जिस पर बच्चा फंसा हुआ है. इसलिए, सामान्य प्रक्रिया, जिसमें एनडीआरएफ बच्चे को बाहर निकालने के लिए एक रिंग का उपयोग करता है, इस परिदृश्य में इस्तेमाल नहीं की जा सकती. हम अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं और उम्मीद है कि बच्चा कुछ घंटों में बाहर निकाल लिया जाएगा."

तीन साल पहले खोदा गया था बोरवेल

आर्यन के पिता जगदीश मीणा ने मीडियाकर्मियों को बताया, "मेरी पत्नी खेत में थी. इस दौरान आर्यन भी उसके साथ था और उसका पैर फिसलने से वह अपनी मां के सामने खुले बोरवेल में गिर गया. बोरवेल करीब 160 फीट गहरा है, जिसे 3 साल पहले खोदा गया था. हालांकि, इस बोरवेल का इस्तेमाल नहीं हो रहा था, क्योंकि शुरुआत में ही इसमें मोटर फंस गई थी. तब से यह खुला पड़ा है."

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