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Diwali Crackers Sweet: ये पटाखे ना फूटते हैं, ना प्रदूषण फैलाते... सिर्फ मिठास घोलते हैं

जोधपुर में क्रेकर स्वीट्स धूम मचा रही है. यह मिठाइयां दूसरी मिठाइयों से थोड़ी महंगी है क्योंकि इन्हें बनाने में काजू, पिस्ता व बादाम का इस्तेमाल किया गया है. क्रेकर स्वीट्स का इंतजार लोगों को काफी समय से थे. कोरोना के दो साल बाद आने के बाद इन मिठाइयों की डिमांड में काफी इजाफा हुआ है, यह मिठाइयां बच्चों से लेकर बड़ों तक चर्चा का विषय बनी हुई है. 

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क्रेकर स्वीट्स
क्रेकर स्वीट्स

त्योहारों पर हर घर की शान मिठाई होती है. जोधपुर के बाजारों में काजू, बादाम, पिस्ता और मावे से बने पटाखों की धूम मची है. मिठाई कारोबारी सुरेश व्यास ने दिवाली के खास मौके पर मिठाइयों को पटाखों की शेप दी है. पूरे इलाके में यह मिठाइयां चर्चा का विषय बनी हुई है.लोग सुतली बम, चकरी, अनार, मोमपत्ति की आकृति की मिठाइयां हाथों हाथ खरीद रहे हैं. यह मिठाई बाजार में 1600 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिक रही हैं.

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मिठाई कारोबारी सुरेश व्यास का कहना है कि वो इस बार कुछ नया करना चाहते थे. उनके दिमाग में एक आइडिया आया कि इस बार पटाखों के आकार वाली मिठाई बनवाई जानी चाहिए.  क्रेकर स्वीट्स नाम की मिठाई पूरे जोधपुर में धमाल मचा रही है.

यह मिठाइयां दूसरी मिठाइयों से थोड़ी महंगी है क्योंकि इन्हें बनाने में काजू, पिस्ता व बादाम का इस्तेमाल किया गया है. क्रेकर स्वीट्स की डिमांड में काफी इजाफा हुआ है, यह मिठाइयां बच्चों से लेकर बड़ों तक चर्चा का विषय बनी हुई है. 

बच्चे बड़े उत्साह के साथ यह बता रहे हैं कि उन्होंने सुतली बम खाया, कोई बोल रहा है कि वो तो पूरा अनार बम ही खा गए. एक नहीं वो भी दो, दो, तीन, तीन. सुरेश व्यास का कहना है कि इसमें खाने योग्य रंग मिलाया गया है. जो सेहत पर किसी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है. कोरोना के दो साल बाद आई इस मिठाई का लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. 

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