राजस्थान विधानसभा चुनावों के मद्देनजर पुलिस रूटीन चेकिंग अभियान चला रही है. इसी कड़ी में शनिवार को कोटा ग्रामीण पुलिस ने एक गाड़ी को रोका. गाड़ी में तीन से चार लोग सवार थे. इसमें से एक ने अपना नाम एल्विश यादव बताया. पुलिस ने पूछताछ करने के बाद उसे जाने दिया. पुलिस ने बताया है कि आखिर उन्होंने एल्विश को क्यों जाने दिया.
कोटा ग्रामीण के एडिशनल एसपी अरुण के मुताबिक, एल्विश यादव को पूछताछ के लिए रोका गया था. इसके बाद नोएडा के संबंधित थाने के डीसीपी और एसीपी से बात की गई. इस दौरान उन्होंने बताया कि वो अभी वांटेड नहीं है. जांच चल रही है. इसके बाद हमने उसको छोड़ दिया.
वहीं, सुकेत थाना अधिकारी विष्णु ने बताया कि विधानसभा चुनाव के चलते हुए रूटीन चेकिंग के दौरान पंजाब नंबर की गाड़ी को रोका गया था. उसमें तीन-चार लोग सवार थे. पूछताछ में एक ने अपना नाम एल्विश यादव बताया था. इस बाबत नोएडा पुलिस से बातचीत की गई. उनके द्वारा मिली जानकारी के बाद उसको छोड़ दिया गया है.
बताते चलें कि नोएडा पुलिस ने रेव पार्टी में सांप के जहर के इस्तेमाल के मामले में एफआईआर दर्ज की है. इस मामले में यूट्यूबर एल्विश यादव (Elvish Yadav) भी आरोपी है. पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार भी किया है. इसमें राहुल, टीटूनाथ, जयकरन, नारायण और रविनाथ शामिल है.
मेनका गांधी के एनजीओ ने किया था स्टिंग ऑपरेशन
दरअसल, बीजेपी नेता मेनका गांधी के एनजीओ PFA (People for Animal) ने एक स्टिंग ऑपरेशन किया था. इसके बाद एनिमल वेलफेयर ऑफिसर के पद पर कार्यरत गौरव गुप्ता ने नोएडा पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई थी. इसमें एल्विश का भी नाम है.
बकौल गौरव नोएडा में इस तरह की गतिविधियों की सूचना मिल रही थी. पता चला था कि, यूट्यूबर एल्विश यादव नोएडा-एनसीआर के फार्म हाउसों में कुछ लोगों के साथ मिलकर स्नेक वेनम और जिंदा सांपों के साथ वीडियो शूट कराते हैं. इसके साथ ही गैर कानूनी रूप से रेव पार्टियों को आयोजित कराने की भी जानकारी मिली थी.
सेवरोन बैंक्वेट हॉल में सांप लेकर पहुंचे
इसके बाद एक मुखबिर ने एल्विश यादव से संपर्क किया. बात करने पर एल्विश ने राहुल नाम के एक एजेंट का नंबर दिया और कहा कि उनका नाम लेकर बात कर लो. इसके बाद मुखबिर ने राहुल से संपर्क करके पार्टी आयोजित करने के लिए बुलाया.
शिकायतकर्ता ने इसकी सूचना वन विभाग के अधिकारियों और पुलिस को दी. दो नवंबर को आरोपी सेवरोन बैंक्वेट हॉल में सांप लेकर पहुंच गए. उसी दौरान वन विभाग की टीम ने पुलिस की मदद से राहुल, टीटूनाथ, जयकरन, नारायण और रविनाथ को पकड़ा था.