उदयपुर जिले में खाद्य पदार्थों की शुद्धता से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है. पुलिस ने रीको इंडस्ट्रियल एरिया स्थित एक फैक्ट्री पर छापा मारकर 1500 किलो नकली घी जब्त किया है. यह घी नामी ब्रांड्स नोवा, सरस, कृष्णा और अमूल के लेबल लगाकर बाजार में बेचा जा रहा था. इस कार्रवाई के दौरान पुलिस ने मौके से दो लोगों को गिरफ्तार किया है.
जानकारी के मुताबिक, पुलिस को लंबे समय से सूचना मिल रही थी कि उदयपुर में नकली घी का अवैध कारोबार किया जा रहा है. इसको लेकर ही डीएसटी (डिस्ट्रिक्ट स्पेशल टीम) और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम ने मिलकर इस फैक्ट्री पर छापा मारा. यह फैक्ट्री तितरड़ी निवासी लोकेश जैन द्वारा चलाई जा रही थी, जो पिछले 8 महीनों से इस गोरखधंधे में लिप्त था.
कैसे बनता था नकली घी?
फैक्ट्री में बड़ी मात्रा में कच्चा माल, पैकेजिंग मशीन और अन्य उपकरण पाए गए. इनका इस्तेमाल नकली घी बनाने और उसे असली ब्रांड के रूप में पैक करने के लिए किया जाता था. पुलिस ने इन सभी सामग्रियों को जब्त कर लिया है. प्राथमिक जांच में यह सामने आया है कि इस फैक्ट्री में सस्ते तेल, वनस्पति घी और एसेंस मिलाकर नकली घी तैयार किया जाता था. इसके बाद इसे असली घी जैसा रंग और खुशबू देने के लिए रासायनिक पदार्थों का इस्तेमाल किया जाता था. पैकिंग के लिए नामी ब्रांड्स के डुप्लीकेट लेबल तैयार किए गए थे, जिससे ग्राहक धोखा खा जाते थे.
स्वास्थ्य पर बड़ा खतरा
नकली घी का सेवन लोगों की सेहत के लिए बेहद हानिकारक साबित हो सकता है. इसमें मौजूद अस्वास्थ्यकर तत्व फूड पॉइजनिंग, लिवर डैमेज और पेट से जुड़ी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जब्त किए गए घी के सैंपल लैब टेस्ट के लिए भेज दिए हैं, ताकि इसकी जांच की जा सके कि इसमें कितनी हानिकारक मिलावट की गई है.
पुलिस की आगे की कार्रवाई
पुलिस अब इस मामले की गहन जांच कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि नकली घी कहां-कहां सप्लाई किया जा रहा था और इस गोरखधंधे में और कौन-कौन शामिल है. संभावना है कि यह नेटवर्क अन्य शहरों तक फैला हुआ हो और इसमें कई बड़े व्यापारी भी संलिप्त हो सकते हैं. पुलिस और स्वास्थ्य विभाग ने आम जनता से अपील की है कि यदि उन्हें किसी भी दुकान या व्यापारी पर शक हो कि वह नकली खाद्य पदार्थ बेच रहा है, तो तुरंत इसकी सूचना पुलिस या खाद्य विभाग को दें. इस प्रकार की जानकारी से ऐसे अवैध धंधों पर रोक लगाई जा सकेगी और लोगों की सेहत की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी.