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Jaipur: पहले मंदिर में भगवान को सुनाई खरी-खोटी, फिर नशे में तोड़ दी 'तेजाजी' की मूर्ति

जयपुर में लोकदेवता वीर तेजाजी मंदिर की मूर्ति तोड़ने वाले आरोपी सिद्धार्थ सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पूछताछ में उसने आर्थिक तंगी और नशे की हालत में घटना को अंजाम देने की बात कबूली है. सीसीटीवी फुटेज और कार नंबर के आधार पर पुलिस ने उसे पकड़ा है. आरोपी का रेस्टोरेंट बंद होने से वह मानसिक तनाव में था.

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पुलिस की गिरफ्त में आरोपी.
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी.

जयपुर के राजापार्क इलाके में स्थित लोकदेवता वीर तेजाजी मंदिर की मूर्ति तोड़ने के आरोपी सिद्धार्थ सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी ने पूछताछ में अपना अपराध कबूल कर लिया है और दावा किया है कि वह आर्थिक तंगी से जूझ रहा था, जिसके चलते मानसिक रूप से परेशान था. घटना के समय आरोपी नशे में धुत था और गुस्से में आकर उसने मंदिर की मूर्ति खंडित कर दी.

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डीसीपी (DCP) तेजस्विनी गौतम ने बताया कि घटना के बाद मंदिर के सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई. फुटेज में एक संदिग्ध कार दिखाई दी, जिसका नंबर ट्रेस करके पुलिस ने जांच शुरू की. कार के नंबर के आधार पर पुलिस सिद्धार्थ सिंह तक पहुंची और उसे हिरासत में लिया. पूछताछ के दौरान सिद्धार्थ ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया, जिसके बाद पुलिस ने उसे औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया.

यह भी पढ़ें: जयपुर में वीर तेजाजी की मूर्ति तोड़ने पर हंगामा, गुस्साए लोगों ने किया प्रदर्शन, पुलिस तैनात

आर्थिक तंगी और मानसिक तनाव बना वजह

आरोपी सिद्धार्थ सिंह का जयपुर के राजापार्क इलाके में 'तमस कैफे' नाम से एक रेस्टोरेंट था, जो आर्थिक तंगी के चलते बंद हो चुका है. व्यवसाय में भारी नुकसान होने के कारण वह लंबे समय से मानसिक तनाव में था. 28 मार्च की रात को सिद्धार्थ अपने दोस्त डेनियल से मिलने होटल इंटरकॉन्टिनेंटल, टोंक रोड गया था. वहां उसने शराब पीने की इच्छा जताई, हालांकि उसके दोस्त ने उसे समझाने की कोशिश की. लेकिन मानसिक तनाव का हवाला देते हुए सिद्धार्थ ने जबरदस्ती शराब पी और अत्यधिक नशे की हालत में अपनी कार से राजापार्क स्थित अपने घर के लिए निकल पड़ा.

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गुस्से में भगवान को कोसा और फिर मूर्ति तोड़ी

रास्ते में उसने कुछ कुत्तों को देखा और उनके साथ खेलने लगा. तभी अचानक उसे वीर तेजाजी का मंदिर नजर आया. वह मंदिर के पास गया और वहां बैठकर भगवान को अपनी आर्थिक स्थिति के लिए कोसने लगा. इसी दौरान नशे में धुत सिद्धार्थ ने गुस्से में आकर अपने मोबाइल से मंदिर की तस्वीर ली और फिर मूर्ति को तोड़ दिया. सीसीटीवी फुटेज के अनुसार, यह घटना रात करीब 3:18 बजे हुई. मूर्ति तोड़ने के बाद सिद्धार्थ अपनी कार में बैठा और घर चला गया. अगले दिन जब उसे होश आया, तो उसकी मंगेतर ने उसे घटना के बारे में बताया, जिसके बाद उसने अपनी गलती स्वीकार की.

तनाव के बाद पुलिस अलर्ट, प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया

इस घटना के बाद इलाके में तनाव का माहौल बन गया. मंदिर में तोड़फोड़ की सूचना मिलते ही कई श्रद्धालु और स्थानीय लोग वहां इकट्ठा हो गए और विरोध प्रदर्शन करने लगे. पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लेने के लिए सुरक्षा बढ़ा दी और कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया. पुलिस प्रशासन अब पूरे मामले को शांत करने के प्रयास में जुटा है. डीसीपी तेजस्विनी गौतम ने बताया कि मामले की पूरी जांच की जा रही है और आरोपी के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी. साथ ही सुरक्षा के लिहाज से मंदिर के आसपास पुलिस बल की तैनाती बढ़ा दी गई है.

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