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Jodhpur: कारोबारी की बेटी फोन उठा लेती तो बच जाती करोड़ों की चोरी, चौंका देने वाला खुलासा

जोधपुर में कारोबारी के घर पर हुई चोरी की वारदात में कई बड़े चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. पुलिस ने बताया कि जब घर में काम करने वाली लक्ष्मी को चोरी के प्लान के बारे में पता चला तो उसने तुरंत अपने पति को इस बारे में बताया. उसने कारोबारी अशोक चोपड़ा की छोटी बेटी को फोन किया. वह फोन नहीं उठा सकी. फिर अशोक चोपड़ा की दूसरी बेटी को फोन लगाया गया पर उनसे भी बात नहीं हो सकी.

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चार नौकरों ने रची चोरी की बड़ी साजिश (फोटो-आजतक)
चार नौकरों ने रची चोरी की बड़ी साजिश (फोटो-आजतक)

राजस्थान के जोधपुर में हैंडीक्राफ्ट कारोबारी के घर हुई करोड़ों की चोरी में कई चौंकाने वाले खुलासा हुए हैं. पुलिस ने बताया कि कारोबारी की 4 साल पुरानी नौकरानी लक्ष्मी ने बताया कि उसे इस चोरी में जबरदस्ती शामिल किया गया. जैसे ही उसे चोरी की प्लानिंग के बारे में पता चला तो उसने अपनी बेटी को इस बारे में बताया. इसके अलावा पुलिस को यह भी पता चला है कि घटना को अंजाम देने वाले तीनों नेपाली नौकरों का पुलिस वेरिफिकेशन नहीं कराया गया था. नौकरों को दिल्ली की उस एजेंसी के जरिए 4 माह पहले रखा गया था जो लक्ष्मी का दामाद चलाता है.  

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पुलिस ने बताया कि जब लक्ष्मी के जरिए उसकी बेटी को कारोबारी के घर होने वाली इस वारदात के बारे में पता चला तो उसने तुरंत ही अपने पति को सूचित किया जो दिल्ली में एजेंसी चलाता है. फिर रात में ही एजेंसी की तरफ से कारोबारी अशोक चोपड़ा की छोटी बेटी को फोन गया. रात बहुत हो चुकी थी जिसके चलते वो फोन नहीं उठा सकी. फिर दिल्ली से ही अशोक चोपड़ा की बेटी को जैसलमेर फोन लगाया गया पर उनसे भी बात नहीं हो सकी और तीनों नौकर वारदात को अंजाम देने में कामयाब रहे. 

अशोक चोपड़ा का घर ऑटोमैटिक हाई सिक्योरिटी सिस्टम से लैस

सुबह के समय सैर करने जा रहे पड़ोसियों ने देखा कि अशोक चोपड़ा के घर पर कोई भी हलचल नहीं है. सैर से लौटने के बाद भी सन्नाटा दिखा. इस पर पड़ोसियों को कुछ अंदेशा हुआ तो उन्होंने घर अंदर तांक झांक करने की कोशिश की.  इस पर अशोक चोपड़ा का 6 साल का नवासा बॉलकोनी में दिखाई दिया और उसके जरिए किसी तरह से मेन गेट खुलवाया गया. फिर अंदर जाकर पता चला कि घर के नौकरों ने चोरी की बड़ी वारदात को अंजाम दिया है. बता दें, अशोक चोपड़ा का पूरा घर ऑटोमैटिक हाई सिक्योरिटी सिस्टम से लैस है. उनके घर के बाहर से लेकर अंदर तक के सारे दरवाजे रिमोट से ऑपरेट होते हैं.  इसके अलावा घर के अंदर भी सीसीटीवी कैमरे लगे हैं. 

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घर ऑटोमैटिक हाई सिक्योरिटी सिस्टम से लैस
घर ऑटोमैटिक हाई सिक्योरिटी सिस्टम से लैस

 

पुलिस का कहना है कि अशोक चोपड़ा की छोटी बेटी ने सबसे पहले अपने पिता के दोस्त के.के बिश्नोई को सूचना दी. फिर स्थानीय पुलिस को सूचना मिली और जोधपुर के पुलिस कमिश्नर रविदत्त गौड़ भी मौके पर पहुंचे. उन्होंने  वारदात की सभी जानकारी हासिल की. जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि रात के समय नौकरों ने खाने में फ्राइड राइस बनाया था. जिसमें बेहोशी की दवाई मिलाई थी. जिसकी पुष्टि अशोक चोपड़ा का इलाज करने आए डॉक्टर वीरम चौधरी ने की. 

चोरी के बाद चोरों ने घर में चिकन और शराब पी

नौकरों ने अपने प्लान के तहत वो खाना अशोक चोपड़ और उनकी छोटी बेटी के साथ दोनों ड्राइवरों को खिलाया. लेकिन अशोक चोपड़ा की 85 साल मां और छोटा नवासे ने खाना नहीं खाया क्योंकि वो दोनों रात में सो चुके थे. अशोक चोपड़ा की पत्नी किसी काम से कोलकाता और बड़ी बेटी जैसलमेर गई हुई थी. लूट की वारदात को अंजाम देने के बाद नौकरों ने घर में लगे सभी सीसीटीवी कैमरे तोड़े और गैस पर परिजनों को सभी फोन जला दिए. इसके अलावा चिकन और शराब भी पी. फिर घर से निकलते समय रिमोट कंट्रोल से मैन गेट को बंद किया और सभी गाड़ियों की चाबी भी अपने साथ ले गए. 

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चोरों ने लूटा का सारा सामान  टाटा हेक्सा एसयूवी कार में भरा और चलते बने. जब कार नागौर रोड पर नेतरा टोल से गुजरी तो टोल कटने का मैसेज अशोक चोपड़ी की पत्नी के मोबाइल पर आया. जिससे पुलिस को एक अहम सुराग मिला कि सभी आरोपी नागौर की तरफ गए हैं. बिना देरी पुलिस की एक टीम नागौर के कुचामन भेजी. जोधपुर पुलिस ने आसपास के सभी राज्यों की पुलिस अलर्ट कर दिया था. कुचामन पुलिस को  पश्चिम बंगाल के नंबर प्लेट के साथ लावारिस कार खड़ी मिली. जिसमें दो लैपटॉप,  दो मोबाइल फोन, 21 हजार कैश, तीन घड़ियां व एक सूटकेस रखा था. 

पुलिस की कई टीमें चोरों को पकड़ने में जुटी

जोधपुर से निकलने के बाद आरोपियों ने कुचामन के एक नेपाली परिवार के घर शरण ली जहां सभी ने खाना खाया और लूट का सामान वहां पर रखा और निकल गए. पुलिस ने उस नेपाली परिवार के पास से प्लेटिनम और सोने के जेवरात बरामद किए. शरण देने वाले परिवार को डिटेन किया. बरामद की गई कार में पुलिस को एक विजिटिंग कार्ड मिला जो पुरानी गाड़ियों का व्यापारी का था. जिस पर व्यापारी को बुलाकर पूछताछ की गई. उसने बताया कि चार लोग आए थे जो पुरानी गाड़ी को खरीदने की बात कहे रहे थे.  पुलिस को अंदेशा है कि सभी आरोपी नागौर के आसापास ही कहीं छुपे हैं. पुलिस का दावा है कि जल्द ही सभी आरोपियों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया जाएगा.

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