राजस्थान में चल रही सियासी जंग के बीच गहलोत खेमे की एक विधायक के दावे ने सबको चौंका दिया है. उनका कहना है कि उन्हें मुख्यमंत्री आवास पर होनी वाली बैठक से पहले एक मंत्री के घर पहुंचने के लिए कहा गया था, जहां एक कागज पर उनसे साइन कराया गया, जिसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं थी. उन्होंने ये भी कहा कि सचिन पायलट सीएम बनेंगे तो अच्छा रहेगा.
आजतक से बातचीत में गहलोत खेमे की विधायक इंदिरा मीणा ने कहा कि हमें पहले परसों रात (शनिवार) को मुख्यमंत्री निवास बुलाया गया था, मगर रविवार को कहा गया कि मंत्री शांति धारीवाल के घर आओ. वहां पहुंचने पर एक कागज पर साइन करा लिया गया, जिसके बारे में पता नहीं था वो क्या है. सचिन पायलट का कोई विरोध नहीं है. वो सीएम बनते हैं तो हमारे लिए अच्छा रहेगा.
मंत्री शांति सिंह धारीवाल का नया वीडियो
इधर, गहलोत सरकार में मंत्री शांति सिंह धारीवाल का नया वीडियो सामने आया है. इसमें शांति सिंह धारीवाल कहते नजर आ रहे हैं कि एक षड्यंत्र के तहत अशोक गहलोत से इस्तीफा मांगा जा रहा था. उन्होंने कहा कि ये सारा षड्यंत्र था, इसी षड्यंत्र के चलते कांग्रेस ने पंजाब खोया है. इसी के चलते हम राजस्थान भी खोने जा रहे हैं. अगर हम नहीं संभले तो राजस्थान नहीं बचेगा. ये वीडियो धारीवाल के घर हुई विधायकों की बैठक का बताया जा रहा है.
शांति सिंह धारीवाल अशोक गहलोत के समर्थक विधायकों में से एक हैं. रविवार को धारीवाल के घर पर ही बैठक हुई थी. इसमें गहलोत समर्थक सभी विधायक पहुंचे थे और यहीं पर गहलोत समर्थक विधायकों ने इस्तीफा देने का फैसला किया था. इसके बाद धारीवाल के घर से सभी विधायक स्पीकर के आवास पर पहुंचे थे, जहां उन्होंने अपना इस्तीफा सौंपा था.
धारीवाल के घर हुई बैठक को अनुशासनहीनता माना
राजस्थान में कांग्रेस के पर्यवेक्षक अजय माकन ने धारीवाल के घर हुई बैठक को अनुशासनहीनता माना है. उन्होंने बताया कि कांग्रेस विधायकों की बैठक बुलाई गई थी. लेकिन इसके समानांतर धारीवाल अपने घर पर बैठक कर रहे थे. ये अनुशासनहीनता है. उन्होंने धारीवाल पर कार्रवाई के भी संकेत दिए थे. उधर, कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी शांति धारीवाल और महेश जोशी को कारण बताओ नोटिस जारी कर सकती है. नेताओं से नोटिस के जरिए पूछा जाएगा की आपने पार्टी विरोधी काम किया , विधायक दल की बैठक के वक्त दूसरी समानांतर बैठक का क्या मतलब है?
नंबर गेम में गहलोत भारी
बता दें कि राजस्थान विधानसभा में 200 विधायक हैं. मौजूदा समय में कांग्रेस के पास 108 विधायक तो बीजेपी के पास 71 विधायक हैं. निर्दलीय 13 आरएलपी के 3 माकपा के 2 बीटीपी के 2 और आरएलडी का 1 विधायक हैं. गहलोत खेमे के 82 विधायकों ने स्पीकर को अपना इस्तीफा सौंपा है तो करीब 16 कांग्रेस विधायकों का समर्थन सचिन पायलट को है जबकि 10 विधायक तटस्थ हैं. इस तरह से विधायकों का समर्थन अशोक गहलोत के साथ दिख रहा है, जिसके दम पर सचिन पायलट के लिए चुनौती खड़ी हो गई है.