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सीकर में फोन चुराने के आरोप में होमगार्ड की हत्या, पुलिस ने ऐसे सुलझाई कत्ल की गुत्थी

राजस्थान के सीकर में मोबाइल फोन की चोरी का आरोप लगाकर एक शख्स ने होम गार्ड के जवान की हत्या कर दी. इसके बाद शव को हर्ष की पहाड़ी में फेंककर फरार हो गया. पुलिस ने कॉल डिटेल्स के आधार पर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.

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सीकर में होमगार्ड की हत्या
सीकर में होमगार्ड की हत्या

राजस्थान के सीकर में 20 अगस्त को हर्ष की पहाड़ियों में होमगार्ड की हत्या के मामले को पुलिस ने सुलझा लिया है. पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. घटना में शामिल मुख्य आरोपी पवींद्र और उसका सहयोगी लक्ष्मण सिंह अब पुलिस की गिरफ्त में है. हत्या का खुलासा करते हुए पुलिस ने बताया की ये हत्या फोन चुराने को लेकर की गई थी. 

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पुलिस के मुताबिक पवींद्र ने फोन चुराने की बात पर होमगार्ड मनोज को बंधक बना लिया था और उसे पानी तक नहीं पीने दिया. इस वजह से होमगार्ड की मौत हो गई थी और पुलिस ने 20 अगस्त को उसका शव बरामद किया था.

सदर थाना अधिकारी सुनीता बायल ने बताया कि 20 अगस्त को सीकर की पहाड़ी पर लालोलाव बालाजी मंदिर के पास होमगार्ड के जवान मनोज कुमार शर्मा का शव सड़क किनारे खाई के पास मिला था.

इस मामले में मृतक के पिता गजेंद्र ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी और बताया था कि 13 अगस्त को मनोज ड्यूटी करने के लिए खाटूश्यामजी गया हुआ था. उनकी 15 अगस्त को मनोज से फोन पर बात हुई थी. इस दौरान फोन पर बातचीत में मनोज ने अपने पिता गजेंद्र को कहा था कि वह अभी ड्यूटी पर है. गजेंद्र ने मनोज का अपहरण कर हत्या करने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. 

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जब जांच के दौरान पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल नंबरों की लोकेशन निकाली तो मनोज की आखिरी लोकेशन 18 अगस्त को खाटूश्यामजी से मिली. पुलिस ने जब मोबाइल की कॉल डिटेल निकलवाई तो उसमें 18 अगस्त की रात 9 बजे तक  6 नंबरों की डिटेल मिली जिसमें से दो नंबर मृतक मनोज के परिवार के थे.

बाकी चार नंबर संदिग्ध लगे. पुलिस ने इसमें से एक नंबर पर फोन किया तो वह बन्ने सिंह नाम के युवक का था. पुलिस ने जब बन्ने सिंह से पूछताछ की तो सामने आया कि उसने मनोज को खाटूश्यामजी में पवींद्र सिंह के गोदाम पर हाथ- पैर बंधे हुए देखा था. 

इसके बाद जब पवींद्र से पूछताछ की गई तो पता चला कि 17 अगस्त की रात को मनोज ने पवींद्र का मोबाइल उठा लिया था, इसके बाद 18 अगस्त को सुबह पवींद्र ने बन्नेसिंह के फोन से ही मनोज से बातचीत की. इस दौरान मनोज और पवींद्र की कहासुनी भी हो गई. ऐसे में पवींद्र ने मनोज को अपने गोदाम पर बुलाया जहां मनोज ने मोबाइल भी पवींद्र को लौटा दिया. 

हालांकि इसके बाद पवींद्र ने मनोज को अपने गोदाम पर ही बंधक बनाकर उसके साथ मारपीट की. उसे पीने के लिए पानी तक नहीं दिया. अगले दिन जब पवींद्र ने देखा तो मनोज मर चुका था. ऐसे में उसने शव को गोदाम में ही तिरपाल में ढककर छिपा दिया. 

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इसके बाद आरोपी पवींद्र ने खंडेला इलाके के रहने वाले अपने एक दोस्त की बलेनो गाड़ी ली और सीकर में अपने दोस्त लक्ष्मण सिंह के पास आ गया. पवींद्र सिंह और लक्ष्मण सिंह दोनों 19 अगस्त की रात करीब 9:00 बजे खाटूश्यामजी पहुंचे जहां दोनों ने मनोज के शव को जीणमाता, कोछोर के रास्ते में हर्ष की पहाड़ियों में फेंक दिया और वहां से वापस लौट गए. (इनपुट - सुशील कुमार जोशी)

 

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